मुथैया मुरलीधरन के नाम आज नहीं होता 800 टेस्ट विकेट का वर्ल्ड रिकॉर्ड, 29 साल पहले खत्म हो जाता करियर!

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मुथैया मुरलीधरन के नाम आज नहीं होता 800 टेस्ट विकेट का वर्ल्ड रिकॉर्ड, 29 साल पहले खत्म हो जाता करियर!



Muthiah Muralidaran: मुथैया मुरलीधरन ने 22 जुलाई 2010 को गॉल टेस्ट के आखिरी दिन भारत के प्रज्ञान ओझा को आउट करते ही टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट पूरे किए और खेल के लंबे फॉर्मेट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया. इसी मैच में मुथैया मुरलीधरन ने संन्यास का ऐलान कर दिया. मुथैया मुरलीधरन के टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट के बाद शेन वॉर्न का नंबर आता है, जिनके नाम 708 विकेट दर्ज हैं. 
29 साल पहले खत्म हो जाता मुरलीधरन का करियर
चमकदार करियर के दौरान मुथैया मुरलीधरन की गेंदबाजी पर सवाल भी उठे थे. मुथैया मुरलीधरन पर करियर की शुरुआत में ही चकिंग करने का आरोप लगा. साल 1995 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में मुरलीधरन के एक्शन पर सवाल खड़े हुए. अंपायरों ने मुरलीधरन की गेंदों को नोबॉल करार दिया था. तब के श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने इसका विरोध किया था और मैच बीच में छोड़ने की धमकी दे दी. अगर मुथैया मुरलीधरन के गेंदबाजी एक्शन पर बैन लग जाता तो वहीं इस महान क्रिकेटर का करियर खत्म हो जाता. 
1996 वर्ल्ड कप से पहले गेंदबाजी एक्शन की जांच कराई
मुथैया मुरलीधरन ने साल 1996 वर्ल्ड कप से पहले अपने गेंदबाजी एक्शन की जांच कराई थी, जिसमें उन्हें क्लीन चिट मिली. मुरलीधरन के बॉलिंग एक्शन को आईसीसी ने हरी झंडी दे दी. साल 2004 में मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने फिर मुरलीधरन के एक्शन पर सवाल खड़े किए. 2006 में भी मुरलीधरन ने बायोमेकेनिकल टेस्टिंग कराई और एक बार फिर उनका एक्शन वैध पाया गया. 
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर मुंहतोड़ जवाब भी दिया
इन सभी विवादों के बावजूद मुथैया मुरलीधरन नहीं भटके और उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर मुंहतोड़ जवाब भी दिया. मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट टेस्ट क्रिकेट में वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं, जो आज तक कोई भी नहीं तोड़ पाया. मुथैया मुरलीधरन और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी थे. 
गिलक्रिस्ट ने ‘दूसरा’ पर उठाए थे सवाल 
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने भी अपनी किताब में मुरलीधरन के ‘दूसरा’ पर सवाल उठाए थे.  एडम गिलक्रिस्ट ने आरोप लगाया था कि आईसीसी ने मुथैया मुरलीधरन को पूरी तरह परखे बगैर ऐसी गेंदबाजी को इजाजत दे दी. 
मुथैया मुरलीधरन ने कैसे लिए 800 विकेट 
जब मुथैया मुरलीधरन ने गॉल में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच से पहले संन्यास लेने की घोषणा की, तब उनके नाम 792 विकेट थे. दूसरा दिन बारिश की वजह से पूरी तरह धुल गया. तीसरे दिन के अंत तक सचिन तेंदुलकर के विकेट के साथ मुथैया मुरलीधरन 793 विकेट पर पहुंच गए थे, लेकिन टेस्ट मैच के चौथे दिन मुरली के खाते में पांच और विकेट आए. टेस्ट मैच के अंतिम दिन वीवीएस लक्ष्मण ने मैच ड्रॉ कराने की कोशिश की, जबकि श्रीलंका जीत के लिए प्रयास कर रहा था. मुथैया मुरलीधरन ने दो विकेट और लिए. कई लोगों को डर था कि मुरली 800 विकेट लेने से चूक नहीं जाए, लेकिन उन्होंने प्रज्ञान ओझा को स्लिप में कैच आउट करा दिया. श्रीलंका ने ये मैच 10 विकेट से जीता था. इसी के साथ ही मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.



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