Hathras News: एक गांव से हुआ फर्जीवाड़ा, यूपी के 47 जिलों और 6 राज्‍यों में हड़कंप, घबरा गए अफसर

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Hathras News: एक गांव से हुआ फर्जीवाड़ा, यूपी के 47 जिलों और 6 राज्‍यों में हड़कंप, घबरा गए अफसर

हाथरस.  एक गांव से यूपी के 47 जिलों और छह राज्यों के लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी हो गए. अभी इस प्रकार के 814 मामले सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या बढ़ सकती है. डीएम ने इस मामले की जांच सीएमओ को सौंपते हुए जनपद के सभी ब्लॉकों में जांच के आदेश दिए हैं. हाथरस जिले की ग्राम पंचायत सिंचावली सानी के पंचायत सचिव की आईडी हस्तांतरण से पहले जन्म प्रमाण पत्र जारी होते रहे. किसी को इसकी भनक तक न लगी. जबकि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी सीआरएस पोर्टल की निगरानी का जिम्मा जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के पास है.

ताजा फर्जीवाड़े में तो आईडी पंचायत सचिव तक पहुंची ही नहीं थी. उससे पहले प्रमाण पत्र जारी हो गए. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इस खेल में प्रदेश स्तर से कोई शामिल है या फिर आईडी बनकर आने के बाद जिले पर कोई रैकेट लगा हुआ है. हालांकि यह प्रदेश का बड़ा फर्जीवाड़ा है. जिसकी उच्च स्तरीय जांच हो तो सच सामने आएगा. इस मामले में अब तक जो उजागर हुआ है. उस पर गौर करें तो अपने जिले की तीस पंचायतों को सीआरएस आईडी नहीं बन पाई थीं. जिन्हें शासन को भेजा गया. जब आईडी बनकर आईं तो उसके बाद उनका बंटवारा संबंधित सचिवों को किया गया.

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उठ रहे हैं कई सवाल, आईडी मिलने में क्‍यों हुई देरमगर सवाल ये है कि ये आईडी कितने दिन पहले बन गई थीं और कब बनकर जिले को मिल गई थीं. पंचायत सचिवों तक उनको मिलने में देरी क्यों हुई. अगर ये आईडी जारी होने के बाद फर्जीवाड़ा हुआ है तो इसमें तथ्यों की चोरी प्रदेश स्तर से हुई या जिला स्तर से. ये अपने आप में सवाल है? शासन स्तर से फर्जीवाड़ा थामने के लिए नियम बनाया गया है कि जब पंचायत सचिव प्रमाण पत्र बनाएंगे तो अपने पोर्टल से बनाएंगे. इसके बाद जब वह जारी होगा तो उन्हें एक ओटीपी मिलेगा. वे उस ओटीपी को दर्ज करेंगे. उसके बाद ही प्रमाण पत्र जारी होगा.

 सीएमओ दफ्तर से जाता है आईडी का ब्योरासीआरएस पोर्टल के जरिए जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए ग्राम पंचायतों, नगर निकायों को लॉगिन आईडी दी जाती है. यह लॉगिन आईडी सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट पर प्रदेश स्तर से बनाई जाती है. इस आईडी को बनाने के लिए संबंधित विभागों से डाटा लिया जाता है, इसके साथ अधिकारी के तबादला होने की स्थिति में मोबाइल नंबर या अन्य ब्यौरा बदला जाता है. यह आईडी कब जनरेट हुई और कैसे इतने प्रमाण पत्र जारी हो गए. इसे लेकर अभी तमाम सवाल खड़े हुए हैं.

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अब तक जाऊ से जारी हो रहे थे सिंचावली सानी के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रग्राम पंचायत सिंचवाली सानी की सीआरएस आईडी न होने के चलते संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को अपनी नजदीकी ग्राम पंचायत जाऊ इनायतपुर से प्रमाण पत्र जारी करने होते थे. जाऊ के लॉगिन से ही सिंचावली सानी के प्रमाण पत्र जारी किए जाते थे. सिंचावली सानी के ग्राम पंचायत सचिव ईश्वर चंद्र को सीएमओ कार्यालय की ओर से 3 अगस्त 2024 को लॉगिन आईडी दी गई है. आईडी चोरी हुई या हैक की गईइस मामले में एक ही बात सामने आ रही है. या तो प्रमाण पत्र जारी करने वाली आईडी प्रदेश से जारी होने के बाद चोरी हुई है या फिर जिले में आने के बाद. या फिर इसे किसी सहयोग से हैक किया गया है. क्योंकि जिस पंचायत सचिव के पास ओटीपी पहुंच रहे थे. उस पर आईडी दर्ज थी.

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प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा जनसेवा केंद्रों से भी हुआइस तरह के प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा जनसेवा केंद्रों के स्तर से भी होता रहा है. इस तरह के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक फर्जी सॉफ्टवेयर हैकरों ने बना रखा है. जिसमें ब्योरा दर्ज कर संबंधित पंचायत या निकाय के पूर्व या सेवानिवृत्त अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर व मोहर से जारी प्रमाण पत्र मिलेगा.उसे लेकर अपलोड किया जाने वाला ब्योरा भारत सरकार के पोर्टल पर तीन से चार दिन दिखेगा. इसके बाद गायब हो जाएगा. मगर तब तक प्रमाण पत्र जारी हो जाता है. अब तक अपने अलीगढ़ मंडल में इस तरह के मामले तो सामने आते रहेे हैं. मगर ये बिल्कुल नए तरह का मामला है.

डीएम ने बनाई जांच टीम, 1 हफ्ते में सौंपेगी अपनी रिपोर्टजिलाधिकारी आशीष कुमार पटेल ने मामले में 5 सदस्यीय टीम का गठन कर 1 हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आदेश दिए हैंं. वहीं, ग्राम पंचायत सचिव इस मामले में कोतवाली हाशायन में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैंं. जिलाधिकारी ने जनपद के सभी 462 ग्राम पंचायतों में भी इस मामले से संबंधित जांच के आदेश जारी किए हैं.
Tags: Hathras Case, Hathras crime news, Hathras news, Hathras News TodayFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 20:41 IST

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