Plastic flowing in blood veins poison reaching body through indian brands salt sugar have Microplastic Study | भारतीयों के रगों में दौड़ रहा प्लास्टिक मिला खून, नमक-शक्कर के जरिए बॉडी में पहुंच रहा जहर, स्टडी में हुआ खुलासा

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Plastic flowing in blood veins poison reaching body through indian brands salt sugar have Microplastic Study | भारतीयों के रगों में दौड़ रहा प्लास्टिक मिला खून, नमक-शक्कर के जरिए बॉडी में पहुंच रहा जहर, स्टडी में हुआ खुलासा



बिना नमक और शक्कर के टेस्टी खाना कल्पना से परे है. खासतौर पर जब बात भारतीय खानपान की हो तो यहां खाने के साथ एक्स्ट्रा नमक परोसे जाने का चलन है. ऐसे में नमक और शक्कर में टॉक्सिन के मिले होने की खबर किसी सदमे से कम नहीं है.
हाल ही में एक चौंकाने वाली अध्ययन रिपोर्ट ने भारतीय उपभोक्ताओं को झकझोर कर रख दिया है. अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत में बिक रहे सभी नमक और चीनी ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक के कण मौजूद हैं. 
स्टडी में क्या मिला 
इस अध्ययन को भारत के प्रमुख खाद्य सुरक्षा अनुसंधान संस्थान ने किया है. रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न ब्रांड्स के नमक और चीनी के सैंपल्स में माइक्रोप्लास्टिक्स की मौजूदगी पाई गई है. इन माइक्रोप्लास्टिक्स का आकार 5 मिलीमीटर से भी कम है, जिसके कारण इसे खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है. 
खून का कतरा-कतरा हो रहा जहरीला
‘माइक्रोप्लास्टिक्स इन द नॉर्थ वेस्टर्न पैसिफिक’ नामक एक वैज्ञानिक पत्रिका प्रकाशन के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक्स सीधे इंसान के खून की नसों में उन उत्पादों के माध्यम से अपना रास्ता बनाते हैं जिनमें वे शामिल होते हैं. आसान भाषा में आपका खून की एक-एक बूंद हर बार नमक और शक्कर खाने के साथ जहरीली हो रही है. 
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माइक्रोप्लास्टिक्स हेल्थ को कैसे डैमेज कर रहे
पाचन तंत्र में समस्या-  माइक्रोप्लास्टिक के कण शरीर के पाचन तंत्र में समा सकते हैं, जिससे पेट में सूजन, गैस, और अन्य पाचन समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
हार्मोनल असंतुलन- अध्ययन के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक्स शरीर के हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो प्रजनन प्रणाली और अन्य शारीरिक कार्यों को प्रभावित कर सकता है.
तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव- माइक्रोप्लास्टिक के कण तंत्रिका तंत्र में जमा हो सकते हैं, जिससे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.
लंबे समय में स्वास्थ्य समस्याएं- हालांकि अभी भी इस विषय पर शोध जारी है, लेकिन लंबे समय तक माइक्रोप्लास्टिक्स के संपर्क में रहने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.



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