इस टैलेंटेड क्रिकेटर ने अपने ही पैरों पर मारी कुल्हाड़ी, सेलेक्टर्स ने किया था टीम इंडिया से बाहर, 3 साल से नहीं हुई वापसी

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इस टैलेंटेड क्रिकेटर ने अपने ही पैरों पर मारी कुल्हाड़ी, सेलेक्टर्स ने किया था टीम इंडिया से बाहर, 3 साल से नहीं हुई वापसी



Team India Cricketer: टीम इंडिया का सबसे बड़ा हथियार माने जाने वाला एक स्टार खिलाड़ी अचानक टीम इंडिया से ऐसे गायब हुआ, जिसका किसी को भी अंदाजा नहीं था. भारत के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2021 बेहद भयानक साबित हुआ था. टीम इंडिया सेमीफाइनल से पहले ही हारकर ग्रुप दौर में ही बाहर हो गई थी, जिसके लिए एक खिलाड़ी को जिम्मेदार माना गया और वह वरुण चक्रवर्ती हैं. वरुण चक्रवर्ती इसके बाद फिर कभी टीम इंडिया के लिए खेलते नहीं दिखाई दिए.
इस टैलेंटेड क्रिकेटर ने अपने ही पैरों पर मारी कुल्हाड़ी
वरुण चक्रवर्ती ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 5 नवंबर 2021 को टी20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान खेला था. वरुण चक्रवर्ती ने टी20 वर्ल्ड कप 2021 में तीन मैच खेले थे, जिसमें वह एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए थे. वरुण चक्रवर्ती ने टी20 वर्ल्ड कप 2021 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 4 ओवरों में 33 रन लुटाए थे. इसके बाद वरुण चक्रवर्ती ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में 4 ओवरों में 23 रन लीक किए थे. स्कॉटलैंड के खिलाफ खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2021 के मैच में वरुण चक्रवर्ती ने 3 ओवरों में 15 रन लुटाए थे. इस खराब प्रदर्शन की वजह से वरुण चक्रवर्ती को टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा था, जिसके बाद उनकी वापसी नहीं हो पाई है. 
7 तरह से गेंद फेंकता था गेंद
मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती दावा कर चुके हैं कि वह 7 तरह से गेंद फेंक सकते हैं. इनमें ऑफब्रेक, लेगब्रेक,  गुगली, कैरम बॉल, फ्लिपर, टॉपस्पिन, पैर की उंगलियों पर यॉर्कर शामिल है. टी20 इंटरनेशनल मैचों में अब तक वरुण चक्रवर्ती ने 6 मैचों में 2 विकेट चटकाए हैं. वहीं, 70 IPL मैचों में उनके नाम 83 विकेट हैं. वरुण चक्रवर्ती तमिलनाडु से खेलने वाले स्पिनर गेंदबाज हैं. वरुण चक्रवर्ती का जन्म 29 अगस्त 1991 को कर्नाटक के बिदर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ. 
क्रिकेट में बनाया अपना करियर
वरुण चक्रवर्ती स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान क्रिकेट भी खेला करते थे. वरुण चक्रवर्ती को क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी थी. 13 साल की उम्र में वरुण चक्रवर्ती बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज क्रिकेट खेलते थे. वरुण चक्रवर्ती ने 17 साल की उम्र तक क्रिकेट खेली. लेकिन एज ग्रुप क्रिकेट में उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. उनके असफलता को देखते हुए परिवार ने उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा. परिवार का दबाव उन पर था. वरुण ने निराश होकर क्रिकेट में अपना करियर बनाने का सपना छोड़ दिया.
आर्किटेक्चर की पढ़ाई की
फिर समय से पहले किसी को शायद ही कुछ मिलता हो. क्रिकेट छोड़कर वरुण अपनी पढ़ाई पर फोकस करने लगे. उन्होंने चेन्नई के एसआरएम विश्वविद्यालय में अपना एडमिशन ले लिया. वो 5 साल तक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्किटेक्स सेक्टर में नौकरी करने लगे. सुबह 10 से 6 की नौकरी में उनका मन नहीं लगता था. अभी भी वरुण क्रिकेट को भुला नहीं पाए थे. क्रिकेट उनका पैशन था. इस बीच वो जब भी समय मिलता या वीकेंड पर टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते. क्रिकेटर बनने के अधूरे सपने उन्हें सोने नहीं देते थे.
क्रिकेट के लिए नौकरी छोड़ दी
फिर उनका सपना उनकी नौकरी पर भारी पड़ गया. वरुण चक्रवर्ती ने फिर से क्रिकेट के लिए नौकरी छोड़ दी. साल 2015 में उन्होंने क्रोमबेस्ट क्रिकेट अकादमी में दाखिला ले लिया. करीब सात साल के बाद वरुण ने वापसी की थी. अब उनकी उम्र 25 की हो चुकी थी. उनको बहुत अधिक मेहनत की जरूरत थी. अकादमी जॉइन करने के बाद वरुण बल्लेबाज़ के साथ तेज़ गेंदबाज के तौर पर अभ्यास करने लगे. बतौर तेज गेंदबाज ऑलराउंडर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. यहां एक बार फिर किस्मत रूठ गई. शुरुआत में ही उन्हें मैच के दौरान चोट लग गई. घुटने की चोट के चलते वरुण को एक बार फिर कई दिनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा.
स्पिन गेंदबाजी में काफी वैरीएशन सीखी
चोट से उबरने के बाद वरुण स्पिन गेंदबाजी करने लगे. ट्रेनिंग के दौरान वरुण ने स्पिन गेंदबाजी में काफी वैरीएशन सीखी. वो प्रशिक्षण के दौरान टेनिस बॉल से गेंदबाजी पर खूब मेहनत करने लगे. इसी मेहनत के बूते वो टेनिस बॉल क्रिकेट के बेहतरीन स्पिनर बन गए. वरुण ने इस टैलेंट ने लेदर बॉल क्रिकेट में इस्तेमाल किया. वैसे तो उन्हें लेगब्रेक गुगली गेंदबाज के तौर पर जाना जाता है. लेकिन वो ऑफ ब्रेक, कैरम बॉल, टॉप स्पिन और स्लाइडर गेंदे आदि फेंकने में भी माहिर हैं. उनकी गेंदबाजी में इतने वैरीएशन देखने के बाद उन्हें मिस्ट्री बॉलर के नाम से पहचान मिली. मिस्ट्री बॉलर वरुण चक्रवर्ती अपनी गेंदबाजी वैरीएशन के चलते चेन्नई लीग सीजन चार (2017-18) में जुबली क्रिकेट क्लब से खेलने का मौका मिला. 
बल्लेबाजों को खूब परेशान किया
इस टूर्नामेंट में वरुण ने शानदार गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाजों को खूब परेशान किया. उनकी घातक गेंदबाजी के चलते उन्हें महज 7 मैचों में 31 विकेट मिले थे. इस दौरान उन्होंने सिर्फ 3.06 की इकॉनमी से रन दिए थे. सालों बाद वापसी करने के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से शानदार प्रदर्शन किया था.  27 साल के इस खिलाड़ी को इसके मेहनत का फल भी मिला. तमिलनाडु प्रीमियर लीग में मदुरई पैंथर्स की तरफ से अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिला. वरुण ने इस टूर्नामेंट में अपनी धमाकेदार प्रदर्शन के दम पर खूब चर्चाएं बटोरी. उस साल अपनी टीम को ख़िताब दिलाने में वरुण की अहम भूमिका रही.  टीपीएल टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में वरुण ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में 9 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे. इस लीग में उन्होंने 5 से भी कम औसत से रन लुटाए थे.  
सुनील नरेन से भी टिप्स मिले
वरुण चक्रवर्ती के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए फाइनल मुकाबले में कमेंट्री कर रहे आस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज माइकल हसी ने उनकी खूब तारीफ की थी. उन्होंने वरुण की गेंदबाजी को देखते हुए कहा कि वरुण के अंदर एक अलग तरह का बेहतरीन टैलेंट है. वो आईपीएल अभ्यास सत्र के दौरान कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से गेंद फेंकने के लिए बुलाए गए. जहां से उन्होंने अपनी गेंदबाजी को और निखारा था. उन्हें दिग्गज स्पिनर सुनील नरेन से भी टिप्स मिले. 
IPL ने बना दिया करोड़ों का मालिक
आईपीएल 2019 के लिए हुई नीलामी में वरुण को खरीदने के लिए होड़ लग गई. अंत में किंग्स इलेवन पंजाब ने 8.4 करोड़ रूपये की महंगी कीमत देकर वरुण को अपनी टीम में शामिल किया. आईपीएल 2019 में वरुण सबसे महंगे अनकैप खिलाड़ी बनकर खूब चर्चा बटोरी थी.  एक तरफ उनकी महंगी कीमत ऊपर से उनकी फिल्मी जिंदगी. हर कोई इनको आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करते हुए देखना चाहता था. लेकिन एक बार फिर से किस्मत को शायद ज्यादा कुछ मंजूर नहीं था. पंजाब ने इन्हें पिछले सीजन में सिर्फ एक मैच में मौका दिया. वहीं, इसके बाद कोलकाता नाइटराइडर्स ने इन पर भरोसा जताया. साल 2020 में वरुण को 4 करोड़ रुपये मिले. जबकि इनका बेस प्राइस 20 लाख था.



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