Aman Sehrawat won Bronze Medal : भारत को पेरिस ओलंपिक में छठा मेडल मिला है. अमन सहरावत ने रेसलिंग में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया. पुरुष 57 किलो फ्रीस्टाइल ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमर सहरावत ने पुएर्तो रिको के पहलवान डारियन तोइ क्रूज को हराकर भारत की झोली में यह मेडल डाला. पेरिस ओलंपिक में भारत को रेसलिंग में यह पहला मेडल मिला है. इसके साथ ही भारत के अब कुल 6 मेडल हो गए हैं. 5 ब्रॉन्ज (3 शूटिंग, 1 हॉकी, 1 रेसलिंग) और 1 सिल्वर (नीरज चोपड़ा – जेवलिन थ्रो).
ओलंपिक मेडल जीतने वाले 7वें भारतीय रेसलर
21 साल के अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किग्रा ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुएर्तो रिको के पहलवान डारियन तोइ क्रूज को 13-5 से हराया. अमन ओलंपिक मेडल जीतने वाले भारत के सातवें पहलवान बन गए हैं. कुश्ती में भारत के पिछले 6 मेडल केडी जाधव (1952 में ब्रॉन्ज), सुशील कुमार (2008 में ब्रॉन्ज और 2012 में सिल्वर), योगेश्वर दत्त (2012 में ब्रॉन्ज), साक्षी मलिक (2016 में ब्रॉन्ज), बजरंग पुनिया (2020 में ब्रॉन्ज) और रवि दहिया (2020 में सिल्वर) के रूप में आए.
सेमीफाइनल में मिली थी हार
अमन की शुरुआत राउंड ऑफ 16 में उत्तरी मैसेडोनिया के व्लादिमीर एगोरोव पर 10-0 से शानदार जीत के साथ हुई. इसके बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल में अल्बानिया के जेलिमखान अबकानोव के खिलाफ 12-0 से टेक्निकल सुपीरियॉरिटी के आधार पर जीत दर्ज की. हालांकि, उन्हें सेमीफाइनल में जापान के री हिगुची से हार मिली. हालांकि, इसके बाद उन्होंने फैंस को निराश न करते हुए ब्रॉन्ज पर कब्जा जमा लिया. उनका यह पहला ओलंपिक मेडल है.
रवि दहिया को हराकर किया था क्वालीफाई
बता दें कि अमन ने भारतीय रेसलर रवि दहिया को हराकर पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाया था. टोक्यो ओलंपिक में रवि कुमार दहिया ने इसी भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. अमन ने ओलंपिक क्वालीफायर के लिए नेशनल सेलेक्शन ट्रायल के दौरान रवि को हराया, जिससे उन्हें पेरिस 2024 के लिए जगह मिल गई. अमन के इस ब्रॉन्ज मेडल के साथ भारत ने अब 2008 के बाद से हर ओलंपिक में रेसलिंग में मेडल जीता है.
भारत के पेरिस ओलंपिक में मेडल
निशानेबाजी में मनु भाकर (10 मीटर एयर पिस्टल), मनु भारत और सरबजोत सिंह (10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम), स्वप्निल कुसाले (50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस) और भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीते, जबकि स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल नाम किया और लगातार दूसरे ओलंपिक में पोडियम फिनिश करने में कामयाब रहे.