Your friends can also push you towards bad habits and metal illness says latest study | बुरी आदतें ही नहीं, मानसिक बीमारियों की ओर भी धकेल सकते हैं आपके दोस्त

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Your friends can also push you towards bad habits and metal illness says latest study | बुरी आदतें ही नहीं, मानसिक बीमारियों की ओर भी धकेल सकते हैं आपके दोस्त



दोस्त हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, जो हमारे सुख-दुख में साथ रहते हैं और हमारी खुशियों में शरीक होते हैं. लेकिन आप बता दें कि आपके दोस्त सिर्फ बुरी आदतें ही नहीं, बल्कि मानसिक बीमारियों की ओर भी धकेल सकते हैं. एक शोध में पता चला है कि उनके जेनेटिक गुणों के प्रभाव में आकर आप नशे की लत के शिकार हो सकते हैं और चिंता तथा हताशा जैसी मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं
शोध में बताया गया है कि किसी दोस्त के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से उनके जेनेटिक गुणों का प्रभाव हमारे ऊपर भी पड़ता है और हम नशीली दवाओं तथा शराब के उपयोग संबंधी डिसऑर्जर, डिप्रेशन और एंग्जाइटी से ग्रस्त हो सकते हैं.
रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा की एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखिका जेसिका ई. साल्वाटोर ने कहा कि दोस्तों के मनोवैज्ञानिक और नारकोटिक्स के सेवन संबंधी बीमारी की जेनेटिक प्रवृत्ति के कारण शुरुआती युवावस्था में व्यक्ति के वैसे ही बीमारी का शिकार होने का खतरा होता है. उन्होंने कहा कि हमारा डाटा सामाजिक जेनेटिक प्रभावों के दूरगामी परिणामों का उदाहरण है.
​सामाजिक-जीनोमिक्ससामाजिक-जीनोमिक्स एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें एक व्यक्ति के जीनोटाइप का दूसरे व्यक्ति पर पड़ने वाले आसानी से दिखने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है. इसका टेस्ट करने के लिए, साल्वाटोर और उनके दोस्तों ने स्वीडन के राष्ट्रीय आंकड़ों का उपयोग किया. इस डाटाबेस में 1980 और 1998 के बीच स्वीडन में जन्मे 15 लाख से अधिक व्यक्ति शामिल थे.
लोगों की मैपिंगशोधकर्ताओं ने किशोरावस्था के दौरान स्थान और स्कूल के आधार पर लोगों की मैपिंग की और युवावस्था के दौरान पदार्थ के उपयोग और मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए मेडिकल, फार्मेसी और कानूनी रजिस्ट्री का उपयोग किया. मॉडल ने मूल्यांकन किया कि क्या साथियों की जेनेटिक प्रवृत्तियों के आधार पर युवावस्था के दौरान नशे के उपयोग, प्रमुख डिप्रेशन और एग्जाइंटी विकार का अनुभव करने वाले टारगेट व्यक्तियों की संभावना की भविष्यवाणी की जा सकती है.
शोध में क्या आया?शोध में यह भी पाया गया कि साथियों की जेनेटिक प्रवृत्तियों और टारगेट व्यक्तियों में नारकोटिक्स के उपयोग या मानसिक बीमारी की संभावना के बीच एक स्पष्ट संबंध है. स्कूल ग्रुप के अंदर (सबसे मजबूत प्रभाव हायर सेकेंडरी स्कूल के दोस्तों में थे) विशेष रूप से एक साथ बिजनेस या कॉलेज से पहले की पढ़ाई करने वाले 16 से 19 वर्ष के किशोरों के बीच.
स्कूल-आधारित साथियों का सामाजिक जेनेटिक प्रभाव डिप्रेशन और एग्जाइटी की तुलना में नशीली दवाओं और शराब के उपयोग के के लिए अधिक दिखा. साल्वाटोर ने कहा कि विश्लेषण में पाया गया कि साथियों की जेनेटिक प्रवृत्तियां टारगेट व्यक्तियों के विकार की संभावना से जुड़ी थीं.



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