श्रीराम के भाई को दो बार हराया, महादेव से मिला था अमोघ त्रिशुल; जानिए कौन है लवणासुर

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श्रीराम के भाई को दो बार हराया, महादेव से मिला था अमोघ त्रिशुल; जानिए कौन है लवणासुर

निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: चक्रधारी की नगरी मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव ने अपने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे अपना त्रिशूल दे दिया था. उसे अजेय होने का वरदान मिला था. भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न भी इस राक्षस से दो दफा पराजित हो चुके हैं. भगवान शिव ने उन्हें फिर मार्ग बताया कि उसे राक्षस को किस तरह से पराजित करना है.

सतयुग हो या त्रेता युग राक्षसों का अत्याचार ऋषि मुनि और जनता पर हमेशा रहा है. किसी न किसी बहाने राक्षस ऋषि मुनि और जनता को लगातार परेशान करते थे. जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई, तब-तब भगवान ने जन्म लिया है. त्रेता युग में भी मधु नाम का एक राक्षस हुआ करता था, उसके पुत्र लवणासुर ने बृजवासियों की नाक में दम कर रखा था. लवणासुर की अत्याचारों से परेशान होकर बृजवासी भगवान श्री राम के पास गए. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम से यह आग्रह किया उन्हें लवणासुर की अत्याचारों से मुक्ति दिलाएं. भगवान राम ने अपने छोटे भाई शत्रुघ्न को यह निर्देश दिया कि वह ब्रज जाकर लवणासुर के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराएं. भूतेश्वर महादेव मंदिर की पुजारिन शिवांगी चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान शिव की आराधना लवणासुर ने की थी. भगवान शिव लवणासुर की तपस्या से प्रसन्न हो गए. शिव जी ने लवणासुर को एक त्रिशूल दिया था और अजेय होने का वरदान भी दिया. लोड़ा सर को पास हुआ त्रिशूल तब तक रहता, तो उसे कोई भी नहीं मार सकता था. नाही उसे युद्ध में कोई हरा सकता था.

ब्रजवासियों को लवणासुर के अत्याचारों से मुक्तिशिवांगी बताती हैं कि राम के छोटे भाई शत्रुघ्न को भी दो बार युद्ध में लवणासुर हरा चुका था. भगवान शिव के पास शत्रुघ्न गए. उन्होंने कहा कि भगवान आप इसे परास्त करने का उपाय बताएं. भगवान शिव ने कहा कि जब वह सुबह स्नान के लिए जाता है. उसका त्रिशूल उसके महल में रह जाता है. तब तुम उसे युद्ध के लिए ललकारना और युद्ध करने के लिए वह आएगा, तब तुम उसे मार देना. भगवान शिव के बताए हुए शब्दों को सुनकर शत्रुघ्न ने उसी रास्ते को अपनाया और लवणासुर के अत्याचारों से बृजवासियों को मुक्ति दिलाई.

Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 15:38 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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