हजारों पेड़ों को नया जीवन दे चुका यह युवक, 19 साल की उम्र बना प्रकृति प्रेमी

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हजारों पेड़ों को नया जीवन दे चुका यह युवक, 19 साल की उम्र बना प्रकृति प्रेमी

निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा का एक युवक जो कि प्रकृति से  बेहद प्रेम करता है. मजदूरी करने के बाद जो भी समय मिलता है, वह इन वृक्षों को बचाने में अपना योगदान दे रहा है. वृक्षों की साफ सफाई और देखभाल करना इस युवक का पैशन बन गया है. लोगों से वृक्ष बचाने की अपील करता नजर आता है. 19 वर्षीय युवक के वन मित्र होने की बड़ी दिलचस्प है कहानी.

घरों और वनों के वृक्षों को बचाने में जुटा हुआ है

साइकिल पर सवार होकर अपनी आंखों में वृक्षों को बचाने के सपने को लेकर चला यह 19 वर्षीय युवक की कहानी दिलचस्प है. यह युवक ऐसे वृक्षों को तलाश करता है, जिन वृक्षों को लता, पता और झाड़ियां ने घेर रखा हो. यह युवक ऐसे  वृक्ष की साफ सफाई करने के बाद उस वृक्ष को नया जीवन दान देता है और आगे बढ़ जाता है. गुनगुनाते गीत और पेड़ों की सफाई करते हुए इस युवक की एक अपनी पहचान बन गयी है. यह युवक लोगों से लगातार वृक्ष लगाने और उन्हें बचाने की अपील करता हुआ नजर आता है. रिहायसी इलाकों में घरों के सामने लगे वृक्षों की यह निशुल्क साफ सफाई करता है. यह युवक कई सालों में हजारों वृक्ष लगा भी चुका है. हजारों वृक्षों की साफ सफाई कर उन्हें नया जीवनदान दे चुका है. इस युवक के प्रकृति प्रेम को देखकर आप सल्यूट करने से पीछे नहीं हटेंगे. अनीश नाम के युवक ने बताया कि वह पिछले 4 साल से इन वृक्षों की देखभाल कर रहे हैं. वृक्षों की देखभाल करने के साथ-साथ उन्हें नया जीवनदान दे रहे हैं. ऐसे हजारों पेड़ों को वह साफ सफाई कर एक नई जिंदगी दे चुके हैं.

वृक्षों को बचाने में एक अहम भूमिका निभा रहा है

अनीश का कहना है अगर किसी व्यक्ति को अपने पेड़ों की साफ सफाई करनी हो, तो वह हमसे साफ सफाई करवा सकता है. हम निशुल्क इस काम को करते हैं. मेहनत मजदूरी करने के बाद जो टाइम मिलता है. वह हम पूरा टाइम वृक्षों के लिए देते हैं. वृक्षों की साफ सफाई करना हमें अच्छा लगता है. लोगों से अपील करते हुए भी अनीश सुनाई देते हैं. अनीश ने कहा कि देश में जितने वृक्ष कट रहे हैं, उन वृक्षों को काटने से रोका जाए और अधिक से अधिक वृक्ष लगाए. ताकि जीवन में जो कठिनाइयां हम लोग भोग रहे हैं, उसे बचा जा सके. ऑक्सीजन की कमी लगातार हो रही है, जिससे अधिक पेड़ लगाने से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में हमें मिल सकेगा.

कक्षा एक तक की है पढ़ाई 

बता दें कि अनीश मूल रूप से मथुरा के बजाना के रहने वाला है. इन्होंने एक कक्षा तक पढ़ाई की. अनीश के घर में भाई-बहन, माता-पिता भी हैं. अनीश का पढ़ाई में मन नहीं लगता. पढ़ाई में मन न लगने के कारण यह प्रकृति की देखरेख में जुट गए. यह युवक जिन वृक्षों को मरणासन्न हालत में देखता है, तो बिना कुछ सोचे समझे उन वृक्षों की देखभाल में जुट जाता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 12:17 IST

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