आखिर विदेशियों को क्यों पसंद आती हैं बनारस की ये तंग गलियां? टूरिज्म के एक्सपर्ट से जानें कारण

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आखिर विदेशियों को क्यों पसंद आती हैं बनारस की ये तंग गलियां? टूरिज्म के एक्सपर्ट से जानें कारण

वाराणसी : बनारस, जिसे काशी या वाराणसी भी कहा जाता है, अपनी प्राचीनता, संस्कृति और आध्यात्मिक महत्व के लिए फेमस है, लेकिन इन सबके बीच, बनारस की तंग गलियां भी पर्यटक खासकर विदेशियों के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र हैं. ये गलियां अपने अद्वितीय अनुभव और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती हैं, और यहां आने वाले हर सैलानी के लिए यह एक खास आकर्षण का केंद्र बन चुकी हैं.

बीएचयू के टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि बनारस के गलियों में उसकी जान बसती हैं. पूरे शहर से इतर इन गलियों में एक शहर समाया हुआ है, जहां काशी की संस्कृति, परंपरा,ऐतिहासिकता और पौराणिकता दिखती है .इसी प्राचीन काशी को निहारने के लिए लोग यहां घूमते हैं. खासकर के विदेशी जो तीर्थस्थल देखने यहां आते हैं.

क्यों मशहूर हैं बनारस की गलियां?1. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर: बनारस की गलियों का इतिहास बहुत पुराना है. ये गलियां सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र रही हैं. यहां के पुराने मकान, मंदिर और घाट इस शहर की प्राचीनता और सांस्कृतिक धरोहर को बखूबी दर्शाते हैं.

2. संगीत और कला का केंद्र : बनारस की गलियां संगीत और कला प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं. यहां के हर गली-कूचे में संगीत और कला की धारा बहती है. कई प्रसिद्ध संगीतकार और कलाकार इन गलियों में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जो पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होता है.

3. धार्मिक महत्व : बनारस की गलियां धार्मिक स्थलों से भरी हुई हैं. यहां के छोटे-छोटे मंदिर, पूजा स्थलों और साधुओं की उपस्थिति इस शहर को आध्यात्मिकता का केंद्र बनाती हैं. गंगा घाटों की ओर जाने वाली गलियों में हर समय भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना रहता है.

4. स्थानीय खानपान : बनारस की गलियां अपने स्वादिष्ट और अनूठे खानपान के लिए भी मशहूर हैं. यहां के ठेले और छोटे-छोटे रेस्तरां स्थानीय व्यंजनों का अद्भुत स्वाद प्रदान करते हैं. कचौड़ी-जलेबी, बनारसी पान, और लस्सी जैसी चीजें पर्यटकों के लिए खास आकर्षण होती हैं.

विदेशियों का पसंदीदा अड्डा1. आध्यात्मिकता की तलाश : विदेशियों के लिए बनारस की गलियां एक आत्मिक अनुभव प्रदान करती हैं. यहां की आध्यात्मिकता और धार्मिक माहौल उन्हें एक अलग ही दुनिया में ले जाता है. वे यहां योग, ध्यान और भारतीय दर्शन का गहन अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.

2. स्थानीय जीवन का अनुभव :विदेशियों को बनारस की गलियों में स्थानीय जीवन का वास्तविक अनुभव मिलता है. यहां के लोग, उनकी भाषा, उनका पहनावा और उनका रहन-सहन उन्हें भारतीय संस्कृति के करीब लाता है. वे यहां के मेले, त्यौहार और धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर भारतीय जीवनशैली को नजदीक से देख सकते हैं.

3. फोटोग्राफी और कला प्रेम : बनारस की गलियां फोटोग्राफी और कला प्रेमियों के लिए एक खजाना हैं. यहां की हर गली में कला, संस्कृति और धार्मिकता की छवि मिलती है, जो उनकी फोटोग्राफी और कला के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनती है.

4. सांस्कृतिक विनिमय : बनारस की गलियां सांस्कृतिक विनिमय का भी एक बड़ा केंद्र हैं. यहां विभिन्न देशों के लोग मिलते हैं, अपनी संस्कृति और अनुभवों को साझा करते हैं और भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं.

यात्रा के लिए सही समयबनारस की गलियों का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है. इस समय मौसम सुहावना रहता है और पर्यटक बिना किसी असुविधा के यहां के हर कोने का आनंद ले सकते हैं.

ऐसे पहुंचें यहांवाराणसी देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. यहां का नजदीकी हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. रेलवे और सड़क मार्ग से भी वाराणसी की पहुंच आसान है.
Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 14:18 IST

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