क्या आप भी बच्चे की खुशी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन मनोकामना पूरी नहीं हो रही? आप अकेले नहीं हैं. लाखों जोड़ों को बन्ने की खुशी का इंतजार होता है. बच्चा न होना कई कारणों से हो सकता है, जो पुरुष और महिला दोनों में हो सकते हैं. कभी-कभी दोनों पार्टनर की समस्याएं एक साथ होती हैं. लेकिन कई बार शरीर कुछ और ही कहता है. आइए इस लेख में जानते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है?
महिलाओं में बांझपन के कुछ सामान्य कारणों में ओवुलेशन डिसऑर्डर (जैसे कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)) शामिल हैं, जो नियमित ओवुलेशन को बाधित करते हैं। इसके अलावा, ब्लॉक या डैमेज फैलोपियन ट्यूब भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर हैं, क्योंकि वे अंडे के स्पर्म से मिलने में रुकावट पैदा करते हैं. एंडोमेट्रियोसिस (जहां गर्भाशय की परत के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है) भी बांझपन में योगदान दे सकता है क्योंकि यह अंडे की क्वालिटी को प्रभावित करता है या फैलोपियन ट्यूब को बाधित करता है. साथ ही, बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में अंडों की क्वालिटी और मात्रा में कमी आती है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई होती है.
पुरुषों में बांझपन का कारणपुरुषों में बांझपन के प्रमुख कारणों में स्पर्म की कम संख्या (low sperm count) या खराब गतिशीलता शामिल है, जो नेचुरल गर्भाधान को प्रभावित करती है. कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर भी स्पर्म उत्पादन या काम को प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में, बांझपन का कोई स्पष्ट कारण नहीं हो सकता है, जिसे अस्पष्टीकृत बांझपन कहा जाता है.
आईवीएफबेंगलुरु स्थित अपोलो फर्टिलिटी में वरिष्ठ सलाहकार-फर्टिलिटी एंड आईवीएफ डॉ. चित्रा राममूर्ति बताती हैं कि आईवीएफ इन सभी स्थितियों में एक प्रभावी समाधान प्रदान करता है. यह एक नियंत्रित प्रयोगशाला सेटिंग में अंडे और स्पर्म को मिलाकर गर्भाधान की नेचुरल बाधाओं को दरकिनार करता है. इसके अलावा, आईवीएफ प्रोटोकॉल को विशेष बांझपन फैक्टर के आधार पर अनुकूलित किया जा सकता है, जिससे सफल गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है. भ्रूण चयन की क्षमता भी आईवीएफ का एक महत्वपूर्ण लाभ है, क्योंकि यह हेल्दी भ्रूण को ट्रांसफर करने की अनुमति देता है.