कांवड़ यात्रा रूट में नेम प्लेट विवाद पर अब नई याच‍िका, सुप्रीम कोर्ट में कहा, सियासी रंग देने…

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कांवड़ यात्रा रूट में नेम प्लेट विवाद पर अब नई याच‍िका, सुप्रीम कोर्ट में कहा, सियासी रंग देने...

नई द‍िल्‍ली. कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाले खाने-पाने के तमाम दुकानों के मालिक को अपने नाम और कर्मचारियों के नाम साफ-साफ लिखने का आदेश दिया गया था. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी और यूपी-उत्‍तराखंड की सरकारों से जवाब तलब क‍िया. कुछ दिनों बाद इस पर सुनवाई होगी. इस बीच एक नई याच‍िका सुप्रीम कोर्ट में दाख‍िल की गई है. यह याच‍िका दुकानदारों का नाम दुकान के बाहर लिखने के समर्थन में है. इसमें कई दलीलें दी गई हैं.

याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव का कहना है कि नेम प्लेट लगाने का निर्देश शिवभक्तों की सुविधा, उनकी आस्था और क़ानून व्यवस्था को कायम रखने के मद्देनजर दिया गया है, लेकिन कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में इसे बेवजह साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है. कोर्ट में इस मसले पर याचिका दाखिल करने वाले दुकानदार नहीं है, बल्कि वो लोग हैं, जो इसे सियासी रंग देना चाहते हैं. याचिकाकर्ता ने शिवभक्तों के मूल अधिकारों का हवाला देकर खुद को भी इस मसले में पक्षकार बनाये जाने और उसका पक्ष सुने जाने की मांग की है.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था क‍ि मामले में अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. तब सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा था क‍ि क्‍या ये स्वैच्छिक है. मैंडेटरी नहीं है. तब सिंघवी ने जवाब दिया था क‍ि वह कह रहे हैं कि ये स्वैच्छिक है, लेकिन जबरन करवाया जा रहा है. जो नहीं मान रहे उनके ख‍िलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और तुरंत रोक लगा दी थी.

विश्व हिंदू परिषद ने कहा था क‍ि इस फैसले से लोगों का मनोबल प्रभाव‍ित होगा. विहिप के महासचिव बजरंग बागड़ा ने कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रियों के मार्ग पर पड़ने वाले ढाबों और अन्य भोजनालयों के मालिकों या संचालकों की पहचान प्रदर्शित करने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इससे हिंदू समुदाय, हिंदू श्रद्धालुओं और कावंड़ यात्रा करने वालों का मनोबल गिरा है.’
Tags: Kanwar yatra, Supreme Court, UP newsFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 21:48 IST

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