Along with Hathras Baba, the ashram of this Sadhvi of Lucknow also became famous all over the world, even after 6 months, followers are considering the dead body as Samadhi.

admin

Along with Hathras Baba, the ashram of this Sadhvi of Lucknow also became famous all over the world, even after 6 months, followers are considering the dead body as Samadhi.

लखनऊ: हाथरस में सत्संग के दौरान 121 लोगों की मौत के मामले के बाद चर्चित हुए नारायण साकार हरि के साथ ही पूरी दुनिया भर में लखनऊ का एक आश्रम भी चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां किसी को अंदर  जाने की अनुमति नहीं मिलती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पिछले 6 महीने से एक लाश रखी है. जिसे लोग समाधि का नाम दे चुके हैं उनके दर्शन के लिए लंदन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तक से साध्वी के अनुयायी यहां आ रहे हैं. लेकिन समाधि के पास जाने की हर किसी को अनुमति भी नहीं है. तमाम तरह के नियम कानून यहां पर लागू हैं.

इस आश्रम का नाम आनंद आश्रम है जो कि लखनऊ शहर के जानकीपुरम के पास ही स्थित है. यहां परसाध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी 2024 को समाधि लेकर पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. समाधि से ठीक पहले उन्होंने अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो बनाकर संदेश दिया था कि वह अपने गुरु ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं.

6 महीने से बंद है लाशबहरहाल, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के अनुयायियों में सबसे पहले समाधि और फिर जिंदा होने का विश्वास उनके गुरु आशुतोष महाराज की वजह से आया. अब उनके शिष्य गुरु मां साध्वी आशुतोषाम्वरी के शरीर को भी सुरक्षित पिछले 6 महीने से एक कमरे में रखे हुए हैं. बता दें कि सांस लेने में तकलीफ की वजह से आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को शरीर छोड़ दिया था. मेडिकल रिपोर्ट में उनकी मौत की पुष्टि हो गई, लेकिन शिष्यों ने इसे ब्रह्मज्ञान की साधना बताते हुए दावा किया कि आशुतोष महाराज अंतर्ध्यान हुए हैं. इसलिए शव का अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया गया और फिर कोर्ट के आदेश पर शव को जालंधर के नूर महल में ही सुरक्षित रख दिया गया.

क्या डीप फ्रीजर में हैं आशुतोषाम्वरी?आनंद आश्रम के प्रवक्ता बाबा महादेव ने बताया कि मां आशुतोषाम्वरी डीप फ्रीजर में नहीं हैं. उनके शरीर पर जो शास्त्रों में आयुर्वेदिक लेप बताया गया है जैसे केसर, हल्दी, चंदन और तेल उसे ही मिलाकर लगाया जा रहा है. रोज उनके शरीर की सफाई यहां की महिला भक्त करती हैं. रोज उनके शरीर पर नया लेप लगाया जा रहा है. लगातार यहां पर हवन कराया जा रहा है, ताकि वह अपने शरीर में जल्द से जल्द लौट सकें और यहां का वातावरण भी शुद्ध बना रहे.

शरीर में कोई हलचल नहींउन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने से मां के शरीर में कोई हलचल नहीं है. वह गहन समाधि में हैं और बाबा आशुतोष को वापस लेकर ही आएंगी. उनका शरीर बिल्कुल भी सड़ नहीं रहा है. यह अद्भुत है. हालांकि इस दौरान कोई भी मेडिकल टीम यहां पर नहीं आई है.

कौन हैं आशुतोषाम्वरी?आनंद आश्रम के प्रवक्ता बाबा महादेव ने बताया कि आशुतोषाम्वरी का जन्म बिहार में हुआ था. दिल्ली में दक्षिणा हासिल की और दिल्ली में ही लंबे वक्त तक रहने के बाद आनंद आश्रम आ गईं. इसके बाद लखनऊ आकर प्रवचन देना शुरू कर दिया और लोगों को अध्यात्म से जोड़ा.

दर्शन करने से नहीं रोका जा रहाबाबा महादेव ने बताया कि किसी को भी दर्शन करने से रोक नहीं जा रहा है, क्योंकि वह एक दिव्य समाधि हैं, इसलिए वहां पर जाने से पहले लोगों को स्नान करना जरूरी है. इसके अलावा उन्हें हाथ पैर धोना और सेनीटाइज करना होगा. इसके बाद ही वे जा पाएंगे। यहां की मैनेजमेंट कमेटी कब किसको कैसे दर्शन कराने हैं सब कुछ तय कर रही है.
Tags: Dead body, Local18, Lucknow cityFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 15:20 IST

Source link