रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि महाराष्ट्र में अपनी-अपनी पार्टियों को तोड़ने वाले नेताओं से पूछना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. इसमें भाजपा का कोई दोष नहीं है. वे हमारे साथ आए तो हम उन्हें क्यों लौटाए. महाराष्ट्र में शिवसेना दो गुटों शिवसेना बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना एकनाथ शिंदे में बंट गई. फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी एनसीपी शरद पवार और एनसीपी अजित पवार गुट में बंट गई. शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ राज्य में भाजपा ने सरकार बना लिया. फिर इस सरकार में अजित गुट वाली एनसीपी भी शामिल हो गई.
महाराष्ट्र की राजनीति में हुए इस घालमेल और क्या इन दोनों धड़ों के बिना भाजपा लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती? इस सवाल पर राजनाथ ने कहा कि जिन दलों एनसीपी और शिवसेना को उनके नेताओं ने तोड़ा उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. अगर कोई हमारे साथ अपनी पार्टी तोड़कर आना चाहता है तो हम उसे नहीं कह सकते कि हम आपको स्वीकार नहीं करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल कह रहे हैं कि वे इसलिए हमारे साथ आए क्योंकि वे एजेंसियों की कार्रवाई से बचना चाहते थे. अब वे कहते हैं कि वे (भाजपा के साथ आए नेता) दोषी हैं लेकिन जब वही गुट उनकी सरकारों के हिस्सा थे तो वे उन्हें निर्दोष बताते थे और कहते थे कि ईडी और सीबीआई गलत है.
महाराष्ट्र में तीन दलों के गठबंधन और भाजपा में एकनाथ खडसे की वापसी को लेकर पूछे जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें लाया नहीं गया, बल्कि वह आए हैं. ऐसे कई नेता हैं जो मानते हैं कि 2047 तक विकसित भारत बनना चाहिए. और यह स्वाभाविक है कि वह इस मिशन में भागीदार बनना चाहते हैं. इसलिए वे पार्टी में शामिल हुए हैं. खडसे ने महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नाराजगी के कारण पार्टी छोड़ दी थी.
रक्षा मंत्री ने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गलत शब्दों के इस्तेमाल को लेकर भी आगाह किया. उन्होंने कहा कि हर किसी को प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलते समय सचेत रहना चाहिए. प्रधानमंत्री न केवल एक व्यक्ति होता है बल्कि यह एक संस्था है. एक स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसा करने की कोई जगह नहीं है.
.Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Rajnath SinghFIRST PUBLISHED : April 5, 2024, 20:13 IST
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