Link CGHS Card and Ayushman Bharat ID: केंद्रीय कर्मचारियों आमतौर पर इलाज के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनका इलाज कम या बिना पैसों के हो जाता है. अगर आप भी सीजीएचएस स्कीम के बेनिफिशियरी हैं तो अब आपको अपने कार्ड को आयुष्माण भारत हेल्थ अकाउंट के की आईडी बनाकर लिंक करना जरूरी है. सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से ये नियम लागू कर दिया है और 30 अप्रैल 2024 तक इसको लिंक करने का समय दिया गया है.
इस वेबसाइट पर लिंक करें आईडीगौरतलब है कि आयुष्माण भारत कार्ड कोई भी बना सकता है, ये एक तरह का डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड है. इसको रजिस्टर करने के लिए आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल नंबर होना जरूरी है.इसके अलावा, लोग अपने आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग करके अपने डिजिटल हेल्थ कार्ड 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं सबसे पहले हेल्थ आईडी पोर्टल (https://healthid.ndhm.gov.in/) पर जाएं.
अब Create ABHA Number कर क्लिक करें. आप ये कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं. क्या है Health ID Card का फायदा इसमें आपका हेल्थ डाटाबेस स्टोर हो सकता है. इस डाटाबेस को डॉक्टर आपकी सहमति से देख सकते हैं. डेटाबेस में डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन, रिपोर्ट वगैरह डिजिटल स्टोर की जाएंगी. इस सिस्टम के माध्यम से सभी अस्पतालों और डॉक्टरों की जानकारी स्टोर की जाएगी.
हालांकि फिलहाल आम आदमी अपने स्तर पर रिकॉर्ड फीड कर सकता है, लेकिन मकसद ये है कि पूरे देश के नागरिकों का रिकॉर्ड अस्पताल और डॉ के स्तर पर ही डिजिटल होकर इस सिस्टम में दर्ज होता रहे. जिससे आपके हेल्थ आईडी का नंबर फीड करते ही आपकी हेल्थ रिकॉर्ड खुल जाए. इस काम में वक्त लग रहा है कि सारा हेल्थ नेटवर्क हेल्थ आईडी सिस्टम पर चलने लगे. अब सीजीएचएस कार्ड धारकों को इन दोनों को आपस मे लिंक करना होगा. सरकार की योजना भारत के हर व्यक्ति को ABHA ID से जोडने की है.
आयुष्माण भारत कार्ड के फायदे
1. सभी इलिजिबल फैमिली को हर साल 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज 2. योजना से जुड़े देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त ईलाज की सुविधा 3. भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की टेस्ट, भर्ती के दौरान इलाज और भोजन
4. डिस्चार्ज होने के 10 दिन बात तक का चेकअप व दवाएं फ्री
सीजीएचएस कार्ड के फायदे
1. सरकारी अस्पतालों में इलाज
2. ओपीडी में इलाज और दवा मुफ्त मिलेंगी
3. सरकारी अस्पतालों में एक्सपर्ट की सलाह
4. इमरजेंसी में प्राइवेट और रिकॉग्नाइज्ड हॉस्पिटल में इलाज का खर्च
5. आर्टिफिशियल ऑर्गंस के लिए खर्च का रिइंबर्समेंट
6. फैमिली वेलफेयर और एमसीएच फैसिलिटीज