अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: काशी के दो अद्भुत कलाओं का संगम हो गया है. 400 साल से अधिक पुराने गुलाबी मीनाकारी का रंग अब बनारस के काष्ठ कला पर चढ़ गया है. बनारस के आर्टिजन लकड़ी के खूबसूरत खिलौनों पर गुलाबी मीनाकारी जैसा रंग भर उसकी खूबसूरती बढ़ा रहे है. पहली बार काष्ठ कलाकारों ने यह अजूबा कर दिखाया है.
बनारस के काष्ठ कला पर गुलाबी मीनाकारी का रंग लोगों को खूबपंसद आ रहा है.मुम्बई,हैदराबाद, चेन्नई,बैंगलुरु,दिल्ली समेत कई बड़े शहरों से इसके ऑर्डर कारीगरों के पास आ रहे है.युवा आर्टिजन सुभी अग्रवाल ने इसकी डिजाइन तैयार की है और फिर इसे काष्ठ कला पर उकेरा है.बताते चलें कि सुभी अग्रवाल के पिता भी इसी काष्ठ कला से जुड़े है.
हाथी,मोर और गणेश प्रतिमा की है तैयारसुभी ने बताया कि गुलाबी मीनाकारी के भगवान गणेश,मोर और हाथी की सबसे ज्यादा डिमांड होती थी.उन्होंने इन्ही तीन चीजों को लकड़ी पर तैयार कर उसमें गुलाबी मीनाकारी का रंग भरा है.राष्ट्रीय पक्षी मोर को उन्होंने 2 डिजाइन और 3 अलग अलग साइज़ में तैयार किया है.जिसकी कीमत 1200 रुपये तक है.इसके अलावा शाही हाथी और भगवान गणेश की कई खूबसूरत प्रतिमा भी उन्होंने तैयार की है.
विदेश से भी होगी डिमांडसुभी ने बताया कि गुलाबी मीनाकारीवाले इस खूबसूरत काष्ठ कला के मोर,हाथी के सैम्पल को कनाडा भी मंगाया गया है.सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही विदेशों में भी लकड़ी पर उकेरे गए गुलाबी मीनाकारी वाले खूबसूरत मोर और हाथी धूम मचाएंगे.
.Tags: Local18, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : March 27, 2024, 14:02 IST
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