सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक गंभीर कैंसर है. पर क्या आपको पता है कि इस बीमारी के पीछे सिर्फ शारीरिक संबंध ही जिम्मेदार नहीं होते? जी हां, एक खास वायरस (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV)) इस कैंसर का मुख्य कारण है. यह वायरस अक्सर यौन सम्पर्क के जरिए फैलता है, लेकिन सिर्फ यही एक रास्ता नहीं है.
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, दिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सलाहकार डॉ. प्रियंका सुहाग बताती हैं कि आजकल की व्यस्त जिंदगी में, अक्सर महिलाओं की सेहत को अनदेखा कर दिया जाता है. लेकिन ये जानना जरूरी है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सिर्फ जागरूकता ही काफी नहीं है. एचपीवी वैक्सीन लगवाना, नियमित जांच करवाना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, ये सभी मिलकर इस जानलेवा बीमारी से बचाव का मजबूत कवच बन सकते हैं.सर्वाइकल कैंसर के लक्षणसर्वाइकल कैंसर के शुरुआती दौर में कोई लक्षण नजर ना आना आम है, इसलिए नियमित जांच करवाना बेहद जरूरी है. लेकिन, कुछ लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जैसे – असामान्य योनि से ब्लीडिंग, पेल्विस में दर्द और पेट के निचले हिस्से में सूजन.
रोकथाम के उपायटीकाकरण: एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है. खासकर यौन संपर्क शुरू होने से पहले टीका लगवाना ज्यादा फायदेमंद होता है.नियमित जांच: पैप स्मीयर और एचपीवी जांच जैसी नियमित जांच से शुरुआती अवस्था में ही इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है.हेल्दी लाइफस्टाइल: धूम्रपान न करना और यौन संबंधों में सावधानी बरतना (कम पार्टनर) इस रिस्क को कम करता है.
लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरीहाल के वर्षों में सर्वाइकल कैंसर के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है. इसके पीछे मुख्य कारण लाइफस्टाइल में बदलाव, टाइम पर जांच न होना और एचपीवी संक्रमण का लगातार बना रहना माना जाता है.
हर महिला को रखना चाहिए ध्यानइस खतरे को कम करने के लिए महिलाओं को हेल्दी आदतें अपनानी चाहिए, नियमित जांच करानी चाहिए और एचपीवी टीकाकरण पर विचार करना चाहिए. टीकाकरण यौन एक्टिविटी की शुरुआत से पहले करवाना सबसे कारगर साबित होता है.
समय रहते इलाज जरूरीसामान्य तौर पर शुरुआती दौर में सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए जांच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना और इलाज करवाना जरूरी है.