Tapeworm Egg larvae Found in 52 year old US Person brain linked to Eating underdcooked bacon Pork | 52 साल के शख्स को हुई माइग्रेन की शिकायत, ब्रेन में मिला टेपवर्म का अंडा, क्या ये फूड खाने से हुई बीमारी?

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Tapeworm Egg larvae Found in 52 year old US Person brain linked to Eating underdcooked bacon Pork | 52 साल के शख्स को हुई माइग्रेन की शिकायत, ब्रेन में मिला टेपवर्म का अंडा, क्या ये फूड खाने से हुई बीमारी?



Tapeworm Egg Found In Brain: अमेरिका में एक अजीबो गरीब मेडिकल कंडीशन देखने को मिली. 52 साल का एक शख्स को बार-बार माइग्रेन की शिकायत हुई, जिसके लिए वो अक्सर डॉक्टर के पास जाने लगा, लेकिन फिर हालात बिगड़े और दवाइयों ने काम करना बंद कर दिया. फिर जो रिपोर्ट में आया वो बेहद चौंकाने वाला था.
ब्रेन में मिले टेपवर्म के अंडेबीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्कैन में पता चला कि पीड़ित शक्स के ब्रेन में टेपवर्म का लार्वल सिस्ट है जो सिस्टिसिरोसिस (Cysticercosis) की बीमारी का कारण बना. डॉक्टर का मानना है कि ये मामला सही से हाथ न धोने से जुड़ा है और ऐसी आशंका मरीज ने अधपका बेकन खाया था, जो संक्रमण की वजह है..
क्या है सिस्टिसिरोसिस?

सिस्टिसिरोसिस एक तरह का संक्रमण है जो पैरासाइट टेनिया सोलियम (Taenia Solium) के लार्वा के कारण होता है, जिसे पोर्क टैपवार्म (Pork Tapeworm) भी कहा जाता है, जिससे ब्रेन में सिस्ट (Cysticerci) विकसित हो सकते हैं. टैपवार्म वाला कोई व्यक्ति खुद को टैपवार्म अंडे से संक्रमित कर सकता है. एक प्रक्रिया जिसे ऑटोइन्फेक्शन (Autoinfection) के रूप में जाना जाता है. जो शरीर से वेस्ट के रूप में बाहर निकल सकता है और उसी घर में दूसरों को संक्रमित कर सकता है.

जो इंसान अनकुक्ड पोर्क खाता है उसे सीधे तौर पर सिस्टिकिकोसिस नहीं हो सकता है. अमेरिकन जर्नल ऑफ केस रिपोर्ट्स में मामले को रिकॉर्ड करते हुए, डॉक्टरों ने लिखा कि ये “सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है” आदमी के सिस्टिसिरोसिस को “सही तरीके से हाथ न धोने” के बाद ऑटोइन्फेक्शन के जरिए ट्रांसमिट किया गया था. मौजूदा मामले की बात करें तो 52 साल के मरीज के डॉक्टर को लगता है कि इटिंग हैबिट्स इसके पीछे जिम्मेदार है. पेशेंट ने एंटी-पैरासाइटिक और एंटी इंफ्लेमेंट्री मेडिकेशन पर रिस्पॉन्ड किया और वो पूरी तरह ठीक हो गया.

सही तरीके से हाथ धोएं
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक टेपवर्म का लार्वा मसल और ब्रेन जैसे टिश्यूज में मिलता है, और अल्सर बनाता है. जब मस्तिष्क में अल्सर मिलते हैं, तो इस कंडीशन को न्यूरोकाइस्टिसरोसिस (Neurocysticercosis) कहा जाता है.
सीडीएस का कहना है कि लोगों को सिस्टिसिरोसिस तब होता है जब वो टेनिया सोलियम अंडे निगलते हैं जो एक टैपवार्म के साथ मानव के मल में चला जाता है, ये अंडे भोजन, पानी और मल से दूषित चीजों के जरिए फैलते हैं. एक इंसान तब ऐसे अंडे निगलता है जब वो दूषित भोजन करते हैं या दूषित उंगलियां की मदद से खाना खाते हैं. इस टैपवार्म से संक्रमित शख्स खुद को और अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को इंफेक्ट कर सकता है.

इन देशों में ज्यादा मामले
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अमेरिका और ब्रिटेन में अंडरकुक्ड पोर्क के कारण सिस्टिकिकोसिस का खतरा थोड़ा कम रहता है क्योंकि यहां काफी ज्यादा टेस्टिंग की जाती है, लेकिन एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में ये बीमारी ज्यादा है क्योंकि यहां ग्रामीण क्षेत्र में सूअर की साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान नहीं रखा जाता और इस जानवर को खुली और गंदी जगहों पर घूमने दिया जाता है. गरीब और विकासशील देशों में फूड और सेफटी प्रैक्टिसेज भी आमतौर पर इतनी अच्छी नहीं होती.



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