विकल्प कुदेशिया/बरेली. ‘मारी छोरी छोरो से कम है के’ आमिर खान की फिल्म दंगल के डायलॉग ने बरेली की लड़की गीता आर्यन की जिंदगी बदल दी. जी हां, इस फिल्म को देखने के बाद गीता ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटिंग (MMA Fighter) की दुनिया में कदम रखा. आज वह मेडल पर मेडल जीतकर बरेली का नाम देशभर में रोशन कर रही हैं. गीता ने एमएमए फाइटर बनने के लिए जैसी मेहनत की है, जिस लगन से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया, उसके बारे में जानकर आप इस लड़की के जज्बे को सलाम करेंगे. वह बरेली जिले की पहली एमएमए फाइटर हैं.
गीता ने एमएमए फाइट में भारत के लिए कई गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं ब्रॉन्ड मेडल पर भी उन्होंने अपना नाम पक्का किया है. वह अब तक भोपाल में हुई राज्य स्तरीय एमएमए इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक, छठी एमएमए इंडियन नेशनल लखनऊ में कांस्य और डोमिनेशन फाइट लीग में दो स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. इसके अलावा कई प्रतियोगिताओं में रनरअप रह चुकी हैं.
लड़कों के साथ करती थी अभ्यासगीता ने लोकल18 से बातचीत में कहा कि वह पढ़ाई खत्म होने के बाद खेलों में शामिल होना चाहती थीं. उनका सपना था कि वह देश के लिए बड़ा टूर्नामेंट खेलें. सपने को साकार करने के लिए उन्होंने एमएमए में करियर बनाने का प्रयास किया. गीता बताती हैं कि उनके कोच ने बड़ी मदद की. उनका खेल अच्छा हो, इसके लिए कोच ने गीता को लड़कों के साथ प्रैक्टिस कराई. गीता दिन में 8 घंटे अभ्यास करती हैं. 4 घंटे सुबह और 4 घंटे शाम जिम में पसीना बहाती हैं. आपको बता दें कि एमएमए फाइट में बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट, मिक्स मार्शल आर्ट जैसी फाइट शामिल है.
देश में बढ़ रहा मर्शल आर्ट का क्रेजगीता के कोच और मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने वाले दीपक भास्कर ने लोकल18 को बताया कि एमएमए प्रशिक्षण का क्रेज बढ़ रहा है. दुनियाभर में इस खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है. दीपक के मुताबिक इस खेल में विभिन्न युद्ध शैलियों के प्रतियोगियों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता है. रिंग में लड़ाया जाता है. उत्तरी अमेरिका और दुनिया के कई हिस्सों में यह काफी लोकप्रिय खेल है. भारत में भी लगातार इसके प्रति क्रेज बढ़ रहा है. बरेली की गीता आर्यन इसका जीता-जागता उदाहरण है.
.Tags: Bareilly news, Local18, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 12:23 IST
Source link