Toys to kitchen items recycled plastic can lead to serious health issues finds latest study | बच्चों के खिलौनों से लेकर किचन के सामान तक, इंसान की जान का दुश्मन बन सकता है Recycled Plastic!

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Toys to kitchen items recycled plastic can lead to serious health issues finds latest study | बच्चों के खिलौनों से लेकर किचन के सामान तक, इंसान की जान का दुश्मन बन सकता है Recycled Plastic!



प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. बच्चों के खिलौनों से लेकर किचन के सामान तक, प्लास्टिक हर जगह मौजूद है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दोस्त आपका दुश्मन भी बन सकता है? हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि भारत में रीसाइकिल प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट्स में हानिकारक कैमिकल होते हैं. ये कैमिकल बच्चों और बड़ो दोनों के लिए स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे पैदा कर सकते हैं.
टॉक्सिक्स लिंक ने एक अध्ययन जारी किया, जिससे पता चला है कि भारत में रीसाइकिल प्लास्टिक सुरक्षित नहीं है और इससे बने प्रोडक्ट्स हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने दिल्ली के विभिन्न बाजारों और शहर के अनौपचारिक रीसाइक्लिंग यूनिट से इकट्ठा किए गए खाने से जुड़े सामग्री और खिलौनों के नमूनों में जहरीले केमिकल का मिश्रण पाया.’Is Plastic Recycling Safe?’ शीर्षक वाले अध्ययन में कहा गया है कि स्थानीय बाजारों से नॉन-ब्रांडेड फूड, ड्रिंक्स के डिब्बों और बच्चों के खिलौनों सहित रीसाइकिल्ड  प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट्स का टेस्ट किया गया. विश्लेषण किए गए 15 नमूनों में से 13 दिल्ली के विभिन्न बाजारों और दो नरेला और इंदरलोक में अनौपचारिक रीसाइक्लिंग यूनिट से लिए गए थे.
रिपोर्ट में क्या आया सामने?रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में प्लास्टिक के अनौपचारिक रिसाइक्लिंग क्षेत्रों का अक्टूबर और दिसंबर 2023 के बीच दौरा किया गया. इससे पता चला है कि दिल्ली में प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग  या डाउनसाइक्लिंग ज्यादा थी और शहर को देश भर से प्लास्टिक कचरा प्राप्त होता है. लगभग 67% टेस्ट किए गए प्रोडक्ट्स में पांच टेस्ट गए कैमिकल (फेथलेट्स, क्लोरीनेटेड पैराफिन, भारी धातु, बिस्फेनॉल ए और नॉनिलफेनॉल) में से एक या अधिक पाए गए. ये केमिकल प्रजनन प्रणाली, प्रेग्नेंसी, सांस संबंधी समस्याओं त्वचा संबंधी बीमारी और डीएनए डैमेज सहित विभिन्न बीमारियां पैदा करते हैं.
बच्चे के खिलौने पर टेस्टअध्ययन के अनुसार, खिलौनों में सिंगल-चेन क्लोरीनेटेड पैराफिन (338 मिलीग्राम/किग्रा), कैडमियम (89 मिलीग्राम/किग्रा), नोनीलफेनोल (522 मिलीग्राम/किग्रा) और हाई लेवल स्तर के DEHP (एक केमिकल जिसे आमतौर पर प्लास्टिक को लचीला बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा एक माउथ ऑर्गन में बिस्फेनॉल A (12.7 मिलीग्राम/किग्रा), नोनीलफेनोल (41.1 मिलीग्राम/किग्रा) और DEHP फेथलेट (220000 मिलीग्राम/किग्रा) शामिल थे. 
प्लास्टिक के प्रोडक्ट्सकुछ प्लास्टिक प्रोडक्ट जो पानी की बोतलों, मसाला बॉक्स, बिस्फेनॉल A केमिकल वाले भोजन और कैसरोल के संपर्क में आते थे, उनमें सिंगल-चेन क्लोरीनेटेड पैराफिन की उपस्थिति देखी गई. इन केमिकल्स का मानव शरीर पर गंभीर नुकसान पड़ता है और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी जन्म दे सकता है. टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर सतीश सिन्हा ने कहा कि प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग इंसान की सेहत के लिए गंभीर खतरे से भरी है, हमें प्लास्टिक के अंधाधुंध रीसाइक्लिंग की वकालत नहीं करनी चाहिए. हमारा ध्यान प्लास्टिक से जहरीले केमिकल को हटाने पर होना चाहिए.



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