उम्र बढ़ना एक नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसे धीमा नहीं कर सकते. वैज्ञानिकों ने ‘फास्टिंग मिमिकिंग डाइट’ नामक एक अनोखी डाइट विकसित किया है जो आपकी बायोलॉजिकल उम्र (biological age) को 2.5 साल तक कम करने की क्षमता रखता है.
दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इन नई डाइट की खोज की है, जो उपवास (fasting) के फायदों को बिना भूखे रहे दिला सकता है. और सबसे बड़ी बात ये है कि यह डाइट आपकी बायोलॉजिकल उम्र को कम कर सकता है. यह शोध ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. आइए जानते हैं इस खास फास्टिंग मिमिकिंग डाइट (fasting mimicking diet) के बारे में.फास्टिंग मिमिकिंग डाइट क्या है?फास्टिंग मिमिकिंग डाइट 5 दिनों का एक स्पेशल डाइट है जिसमें अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है और कुल कैलोरी, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है. इसे इस तरह से बनाया गया है कि यह पानी पर ही रहकर फास्टिंग की तरह फायदे दे सके, लेकिन साथ ही शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिलते रहें. इस वजह से इसे पूरा करना लोगों के लिए काफी आसान है.
प्रयोगशाला में तैयार हुई डाइटइस डाइट को यूएससी लियोनार्ड डेविस स्कूल के प्रोफेसर वॉल्टर लोंगो की प्रयोगशाला (laboratory) में विकसित किया गया है, जो इस नए अध्ययन के प्रमुख लेखक भी हैं. इस डाइट के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए दो अलग-अलग ग्रुप को शामिल किया गया. हर ग्रुप में 18 से 70 साल के बीच के पुरुष और महिलाएं शामिल थीं. 5 दिनों के लिए प्रतिभागियों को पौधों से बने सूप, एनर्जी बार, एनर्जी ड्रिंक्स, चिप्स और चाय दी गई. साथ ही, इनमें अधिक मात्रा में मिनिरल्स, विटामिन और जरूरी फैटी एसिड वाला सप्लीमेंट्स भी शामिल था. कंट्रोल ग्रुप के लोगों को सामान्य भोजन या मेडिटेरियन-स्टाइल डाइट लेने के लिए कहा गया.
2.5 साल कम हुई उम्र!अध्ययन में पाया गया कि फास्टिंग मिमिकिंग डाइट लेने वाले प्रतिभागियों की बायोलॉजिकल उम्र औसत 2.5 साल कम हो गई. प्रोफेसर लोंगो ने बताया कि यह पहला अध्ययन है जो दर्शाता है कि भोजन आधारित हस्तक्षेप (जिसमें किसी व्यक्ति को लंबे समय तक डाइट या लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत नहीं होती है) लोगों को बायोलॉजिकल रूप से जवान बना सकता है. ऐसा उम्र बढ़ने और बीमारी के खतरों में बदलाव के साथ-साथ लेविन ग्रुप द्वारा विकसित बायोलॉजिकल उम्र का आकलन करने के लिए बनाई गई मान्य विधि के आधार पर पता चला है.