जेल में चोर उचक्‍के भी बने ‘साहूकारी’, नींबू-मिर्ची की देते उधारी, समय से लौटाना कैदियों को पड़ता है भारी

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जेल में चोर उचक्‍के भी बने ‘साहूकारी’, नींबू-मिर्ची की देते उधारी, समय से लौटाना कैदियों को पड़ता है भारी



गाजियाबाद. सामान्‍य तौर पर रुपये की उधारी की बात सुनी होगी और समय पर न देने पर ब्याज चुकाना सुना होगा, लेकिन आपने कभी आपने नींबू, मिर्च, प्याज और टमाटर की उधारी सुनी है. शायद … नहीं. इतना ही नहीं उधारी समय पर न लौटाने पर भारी भरकम ‘ब्‍याज’ भी चुकाना पड़ता है. खास बात यह है कि यहां चोर उचक्‍के (सजायाफ्ता) भी इस तरह (साहूकार) बने उधार बांट रहे हैं. आइए जानें क्‍या है पूरा मामला.

प्याज जेल में खाना मिर्च-मसाला वाला नहीं होता है, जो कैदियों को अच्छा नहीं लगता. कैदी खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए रोज सलाद बनाते हैं. इस वजह से जेल में टमाटर, नींबू और मिर्च की खपत अधिक है. दिल्‍ली के करीब डासना जेल की बात करते हैं. यहां पर करीब 2500 कैदी आरोपी हैं और 1800 के करीब सजायाफ्ता हैं.

सजायाफ्ता कैदियों में मिर्च, टमाटर और नींबू की अधिक मांग है. इसकी वजह है कि सजायाफ्ता कैदी से सप्‍ताह में एक बार मिलाई (मिलना) होती है जबकि विचारधीन कैदी से सप्ताह में 2 बार मुलाकात होती है. विचाराधीन कैदियों के परिजन जल्दी-जल्दी आते हैं और सलाद का सामान दे जाते हैं. वहीं सजायाफ्ता के परिजन सप्ताह में एक बार ही आते हैं. कई कैदियों के परिजन मिलने भी नहीं आते हैं. इस वजह सजायाफ्ता कैदियों उधारी की ज्‍यादा जरूरत होती है.

बंदियों के परिजन भी जानते हैं

कई बार कैदी के परिजन किसी कारण मिलाई करने नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में दूसरे कैदी से उधार ली गई मिर्च, टमाटर और नींबू सजायाफ्ता कैदी वापस नहीं कर पाता है और इस तरह उसे दोगुना सामान वापस करना पड़ता है. कैदियों के परिजनों को भी इस बारे में पूरी जानकारी होती है. इसलिए वे निर्धारित समय के बाद मिलाई करने पहुंचने पर अधिक सलाद का सामान ले जाते हैं. जिससे वो उधारी चुका सकें. छोटी मोटी चोरी में बंद कैदियों के परिजन जल्‍दी जल्‍दी मिलने आते हैं और सलाद का सामान दे जाते हैं ,इस वजह से ये सजायाफ्ता कैदियों को उधार नींबू,मिर्च, प्‍याज और टमाटर देते हैं. डासना जेल में औसतन प्रतिदिन 600 लोग कैदियों से मिलाई करने जाते हैं. इसमें से 500 लोगों के हाथों में सलाद का सामान जरूर होता है.

जेल के बाहर चार चीजों का बाजार

जेल के बाहर फल के अलावा सिर्फ चार चीजें ही नींबू, मिर्च, टमाटर, प्याज बिकती हैं. चूंकि यहां पर खरीदारी करने वाले सिर्फ. कैदियों से मिलाई करने वाले लोग ही होते हैं. इस वजह से बाजार सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक ही लगता है.

जेल में कैदियों का खाना

प्रतिदिन जेल में मिलने वाली खाद्य सामग्री दाल – 45 ग्राम, आटा – 270, ग्राम चावल – 235, ग्राम सब्जी – 230, ग्राम चना – 45, ग्राम दलिया – 30, ग्राम बंद – 95 ग्राम, रिफाइंड आयल – 125, ग्राम सूजी – 30 ग्राम, दूध – 25 ग्राम, चाय – 1.5 ग्राम, नोट : यह प्रतिदिन की प्रति व्यक्ति एक समय की खुराक है. जेल में प्रतिदिन चना या दलिया व चाय के साथ कैदी व बंदियों का नाश्ता कराया जाता है. प्रत्येक रविवार को हलुआ-पूड़ी व कढ़ी-चावल दिया जाता है.

.Tags: Ghaziabad News, Jail, Jail storyFIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 12:38 IST



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