शाश्वत सिंह/झांसी : नेचुरल और ऑर्गेनिक फार्मिंग आज के समय की जरुरत बनती जा रही है. अधिक से अधिक किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के किसान ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में समझ सके इसके लिए एक युवा वैज्ञानिक ने अनोखा तरीका निकाला है. झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के युवा वैज्ञानिक अनीश नागर ने नेचुरल फार्मिंग का एक बेहद खास मॉडल तैयार किया है.
अनीश ने बताया कि इस मॉडल में हम रसायन और उर्वरक को हटाकर नेचुरल तरीके से खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित करते हैं. मैने कुछ ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं जो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है बीजामृत और जीवामृत है. गोबर, गुड़ और पानी से तैयार यह घोल केमिकल फर्टिलाइजर की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. इन दोनों घोल को बहुत आसानी से तैयार कर सकते हैं. इसके साथ ही दशपर्णी, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र और पंचगव्य का इस्तेमाल भी किसान खेत में कीटनाशक की जगह कर सकते हैं.
बुंदेलखंड के हर किसान को करेंगे जागरूकअनीश नागर ने बताया कि इस मॉडल में उन्होंने किसानों को यह भी सिखाया है की कैसे खेती करने से उनके खेत में लंबे समय तक हरियाली बनी रहेगी. इसके साथ ही बीजामृत और जीवामृत के घोल का छिड़काव खेत में कैसे करना है इसका मॉडल भी अनीश बताते हैं. उन्होंने बताया कि वह अभी तक 10 से अधिक गांवों में जाकर किसानों को इस मॉडल के बारे में बता चुके हैं. उनकी योजना है कि बुंदेलखंड के हर गांव का किसान नेचुरल फार्मिंग को अपना कर अच्छी कमाई करें.
.Tags: Agriculture, Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 13:51 IST
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