हाल ही खोजे गए एक नए वायरस ‘अलास्कापॉक्स’ से पहली मौत का मामला सामने आया है. मृतक इंसान केनाई प्रायद्वीप में रहता था और पिछले साल नवंबर में अस्पताल में भर्ती हुआ था. अब जनवरी के अंत में उसकी मौत हो गई. यह जानकारी अलास्का के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी.
स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पिछले हफ्ते जारी एक बुलेटिन ने बताया गया कि मरीज कैंसर का इलाज करा रहा था और दवाओं के कारण उसका इम्यून सिस्टम कमजोर था, जिसने शायद उसकी बीमारी की गंभीरता में योगदान दिया. हेल्थ बुलेटिन में उसे मृतक इंसान को बुजुर्ग बताया गया है लेकिन उसकी उम्र नहीं बताई गई है. स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई, वह जंगली इलाके में अकेला रहता था और उसने हाल ही में कोई यात्रा नहीं की थी.क्या है अलास्कापॉक्स?अलास्का के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि स्मालपॉक्स (चेचक), काऊपॉक्स और मंकीपॉक्स से संबंधित अलास्कापॉक्स को AKPV के नाम से भी जाना जाता है. इस बीमारी के लक्षणों में दाने, सूजे हुए लिम्फ नोड्स और जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं. 2015 में पहला मामला सामने आने के बाद से अलास्का के स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस के केवल छह अन्य मामले रिपोर्ट किए गए हैं. सभी शामिल लोग फेयरबैंक्स क्षेत्र में रह रहे थे, जो केनाई प्रायद्वीप से 483 किलोमीटर से अधिक दूर है. सभी के मामले हल्के थे और बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो गए.
कैसे फैलता है अलास्कापॉक्स?यह स्पष्ट नहीं है कि अलास्कापॉक्स कैसे फैलता है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह जूनोटिक हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में आ सकता है. बुलेटिन में कहा गया है कि कई टेस्ट से फेयरबैंक्स पार्ट में कई छोटे स्तनधारियों (जिनमें रेड-बैकड वोल्स और कम से कम एक घरेलू पालतू जानवर शामिल हैं) में वर्तमान या पिछले संक्रमण के सबूत मिले हैं.
मृतक व्यक्ति के घर में थी बिल्ली!हेल्थ बुलेटिन में बताया गया है कि आदमी ने अपने घर पर एक आवारा बिल्ली की देखभाल की थी. बिल्ली का वायरस के लिए टेस्ट नेगेटिव आया था लेकिन वह नियमित रूप से छोटे स्तनधारियों का शिकार करती थी और अक्सर मरीज को खरोंचती थी. यह इस संभावना को खोलता है कि जब बिल्ली ने उसे खरोंचा तो उसके पंजों पर वायरस रहा होगा. बुलेटिन में कहा गया है कि बगल पार्ट (अंडरआर्म्स) के पास ‘ध्यान देने योग्य’ खरोंच दिखाई दे रहा था, जहां पहला लक्षण (एक लाल घाव) देखा गया था.
अलास्कापॉक्स से बचने के टिप्सस्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मनुष्यों द्वारा वायरस फैलाने का कोई प्रमाणित मामला नहीं आया है, लेकिन उन्होंने अलास्कापॉक्स से संभावित रूप से प्रभावित स्किन के घावों वाले लोगों को प्रभावित पार्ट को एक पट्टी से ढकने की सलाह दी है. अन्य सुझावों में अच्छी तरह से हाथ धोना, ऐसे कपड़ों को शेयर करने से बचना जो घावों को छू सकते थे और अन्य घरेलू सामानों से अलग कपड़े और चादरें धोना शामिल है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.