अभिषेक जायसवाल/वाराणसी : भारतीय जनसंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि पर लोग उन्हें याद कर रहें है. 11फरवरी 1968 को मुगलसराय में रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध अवस्था में उनका शव मिला था. जिस धरती पर उन्होंने आखरी सांस ली थी उस जगह पर उनके स्मृति में सबसे बड़ी प्रतिमा खड़ी है जो उनके विचार, भावना और दर्शन को आज भी देश के युवाओं तक पहुंचा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी और मुगलसराय के बीच रेलवे ट्रेक के किनारे ही उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा को स्थापित कराया है, जिसकी ऊंचाई 63 फीट है. इसके अलावा खूबसूरत पार्क और उनके जीवन पर आधारित कुछ खास पलों को वहां उकेरा भी गया है.
मनाई जाएगी 56 वीं पुण्यतिथिपंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को जानने और समझने के लिए लोग उनके स्मृति स्थल पर आते है. उनके 56 वीं पुण्य तिथि पर उनके विचारों से युवाओं को रूबरू कराने के लिए दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान द्वारा बड़ा आयोजन किया जा रहा है. संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय चौधरी ने बताया कि भारत की संस्कति को दीनदयाल उपाध्याय जी ने आगे ले जाना चाहा.वो कहते थे पेट को आहार चाहिए, ह्रदय को प्यार चाहिए, मस्तिक को विचार चाहिए और आत्मा को संस्कार चाहिए. काशी इसका ही संदेश देती है इसलिए काशी के भूमि से उनका विशेष लगाव था.
लगेगा मुक्त कैम्पसंजय चौधरी ने बताया कि आज हम उनके ही पुण्य तिथि पर उनके विचारों को उनके स्मृति स्थल से दूर तक ले जाने का प्रयास कर रहें है. जिसके लिए यहां हवन-पूजन के अलावा गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए यहां कैम्प लगा रहें है.
.Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 22:14 IST
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