Does sugar is actually bad for your health know how to eat sweets in healthy way | क्या सच में जहर की तरह काम करती है चीनी? जानें हेल्दी तरीके से कैसे खा सकते हैं मीठा

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Does sugar is actually bad for your health know how to eat sweets in healthy way | क्या सच में जहर की तरह काम करती है चीनी? जानें हेल्दी तरीके से कैसे खा सकते हैं मीठा



हम सभी को कभी न कभी मीठा खाने का मन करता है, चाहे वो चॉकलेट हो, आइसक्रीम हो या कोल्ड ड्रिंक. लेकिन इस बात के भी कई प्रमाण हैं कि ज्यादा चीनी खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. तो सवाल ये उठता है कि क्या सभी चीनी एक जैसी बुरी हैं?
चीनी को समझने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि चीनी असल में क्या है. चीनी एक कार्बोहाइड्रेट होती हैं, जिन्हें शरीर ग्लूकोज में तोड़ देता है. ग्लूकोज हमारे शरीर के सेल्स के लिए एक मेन सोर्स है. हमारे खाने में मौजूद ज्यादातर चीनी ‘डाइसेकेराइड’ होती हैं, यानी दो मोनोसेकेराइड्स मिलकर बनी होती हैं. तो फिर अगर चीनी हमारे शरीर की मुख्य एनर्जी का सोर्स है, तो यह कैसे हमारे लिए बुरी हो सकती है?ज्यादा मीठा भी नुकसानदेहमोनाश यूनिवर्सिटी में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की लेक्चरर डॉ. फिलिप ओलिवेरा बताती हैं कि चीनी दो तरह की होती है. पहली नेचुरल सोर्स से मिलने वाली और दूसरी वो जिसे हम या प्रोडक्टिव खाने-पीने की चीजों में मिलाते हैं. वह बताती हैं कि चीनी मिलाने के कई कारण हो सकते हैं. एक तो यह स्वाद अच्छा बनाती है. साथ ही, यह खाने की चीजों को ज्यादा समय तक रखने में मदद करती है, जैसे जैम और प्रिजर्वेटिव्स. इसके अलावा, यह खाने की चीजों को आकर्षक बनाने के लिए भी इस्तेमाल होती है, जैसे केक पर आइसिंग या मीठी सजावट. लेकिन हमें असल में अपने खाने में एक्ट्रा चीनी की जरूरत नहीं होती. प्राकृतिक रूप से मिलने वाली चीनी हमारे लिए काफी होती है.
कार्बोहाइड्रेट कैसे नुकसान पहुंचा है?डॉ. फिलिप समझाती हैं कि जब हम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है और वो आखिर में ग्लूकोज मॉलिक्यूल्स बनते हैं. ये ग्लूकोज मॉलिक्यूल्स छोटी आंत की दीवारों से होकर खून के फ्लो में मिल जाते हैं. फिर इनका इस्तेमाल हमारी सेल्स एनर्जी के लिए करती हैं. हमारे शरीर में हर एक सेल को काम करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है. ग्लूकोज एनर्जी पाने का एक तेज और आसान तरीका है. लेकिन हर चीज की तरह, यहां भी बैलेंस जरूरी है. बहुत ज्यादा या बहुत कम ग्लूकोज परेशानी पैदा कर सकता है. हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ तरीके होते हैं.
ज्यादा चीनी खाना जोखिम भराखून में शुगर का लेवल ज्यादा होने पर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जब खून में शुगर का लेवल ज्यादा होता है, तो पैंक्रियास इंसुलिन नामक हॉर्मोन बनाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. लेकिन समय के साथ, सेल्स लगातार इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देना बंद कर सकती हैं, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो जाता है. ऐसी स्थिति में पैंक्रियास और ज्यादा इंसुलिन बनाता है, लेकिन आखिरकार बढ़ते ब्लड शुगर के लेवल को कम नहीं कर पाता. ज्यादा ब्लड शुगर नुकसानदायक होता है और इसे जल्दी सेल्स में पहुंचाना जरूरी होता है. लिवर और मांसपेशियां कुछ शुगर को स्टोर कर सकती हैं, लेकिन जब वे भर जाती हैं, तो लिवर एक्स्ट्रा ब्लड शुगर को फैट सेल्स में भेज देता है. इससे वजन बढ़ता है और मोटापा, दांतों की समस्याएं, प्री-डायबिटी और टाइप-2 डायबिटीज.
चीनी से होने वाली दिक्कतों से कैसे बचें?चीनी के बारे में सोचने का तरीका इतना सीधा नहीं है. वैज्ञानिक के तौर पर डॉक्टर ओलिवेरा ‘अच्छा’ या ‘बुरा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचते हैं. लेकिन आसान भाषा में कहें तो चीनी दो तरह की होती है. अच्छी चीनी वो होती है जो बिना प्रोसेस किए हुए, नेचुरल खाद्य पदार्थों जैसे फलों, सब्जियों और डेयरी उत्पादों में पाई जाती है. इन चीनी के साथ फाइबर, विटामिन और अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो संतुलित आहार में मदद करते हैं. बुरी चीनी वो होती है जो प्रोसेस्ड फूड और शुगर ड्रिंक्स में मिलाई जाती है. ये चीनी नेचुरल रूप से उस खाने में नहीं होतीं. डॉक्टर ओलिवेरा सलाह देते हैं कि इन्हें जितना हो सके कम खाएं.



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