धीर राजपूत/फिरोजाबाद: कहते हैं की शिक्षा शेरनी का वह दूध है जिसे जो पियेगा वो दहाड़ेगा और इसी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं फिरोजाबाद में रहने वाले राजौरिया. जी हां, फिरोजाबाद में एक संस्था खोलकर फ्री में ये गरीब बच्चों को कोचिंग देकर उन्हें शिक्षित कर रहे हैं. इनके फिरोजाबाद में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी सेंटर हैं, जहां सैकड़ों बच्चे फ्री में शिक्षा ले रहे हैं.
फिरोजाबाद के रैहना में रहने वाले अश्वनी राजौरिया ने बताया कि आज से लगभग 12 साल पहले सन 2012 में कारखाने और चूड़ी गोदाम में मजदूरी करने वाले लोगों के बच्चों को सड़कों पर घूमते फिरते देखा तो उन्होंने उनसे पढ़ने-लिखने के बारे में पूछा. जिस पर उनके घर वालों ने कहा कि स्कूल में जाकर क्या करेंगे घर पर रहेंगे तो कुछ पैसा भी कमाएंगे. इसके बाद उन्होंने इन बच्चों की पढ़ने लिखने की जिम्मेदारी ली और उन्होंने कोमल बाल गुरुकुल के नाम से एक संस्था खोली.
10 बच्चों से की थी शुरुआत
सबसे पहले उन्होंने 10 बच्चों से पढ़ाने की शुरुआत की. धीरे-धीरे एक कोचिंग से उनकी अन्य कोचिंग हो गई और आज लगभग 12 सेंटरों पर वह 600 बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रहे हैं. राजोरिया ने बताया कि उनके यहां पढ़ने वाले बच्चे ज्यादातर रिक्शा चलाने वाले और चूड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के हैं जिन्हें वह फ्री में पढ़ाते हैं. वहीं, ये बच्चे पढ़ लिखकर ग्रेजुएट और आईटीआई की पढ़ाई कर रहे हैं.
विवेकानंद राज्य युवा पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
राजोरिया ने बताया कि उनके फ्री कोचिंग सेंटर न केवल फिरोजाबाद बल्कि एटा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस में भी चल रही है. वहीं इसे चलाने के लिए कई समाजसेवी संगठन उनकी मदद भी करते हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए उन्हें यूपी सरकार द्वारा विवेकानंद राज्य युवा पुरस्कार भी मिल चुका है.
.Tags: Firozabad News, Local18FIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 18:02 IST
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