Jeevan Raksha Padak: हल्द्वानी से दिल्ली की तरफ आ रही बस का ड्राइवर अचानक अचेत होकर स्ट्रेरिंग के ऊपर गिर पड़ता है. ड्राइवर का पैर पूरी तरह से बस के एक्सीलेटर पर जम जाता है और बस की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे को पार कर जाती है. बस में बैठे यात्रियों की समझ से परे था कि करें तो करें क्या? बस में बैठा हर शख्स खुद को असहाय मान बैठा था और दूसरे की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा था.
कुछ ही पलों सभी का दिगाम शून्य सा होने लगा था, तभी बिजली की रफ्तार से एक नौजवान अपनी सीट से ड्राइवर की तरफ लपका. उसने बिना देरी किए अपने दोनों हाथों से स्ट्रेरिंग संभाल ली. तब तक बस के कंडक्टर के भीतर भी थोड़ी हिम्मत आई और वह भी इस नौजवान की मदद के लिए आगे पहुंच गए. कुछ यात्रियों की मदद से बस कंडक्टर ने ड्राइवर को उसकी सीट से खींच कर अलग किया और यह नौजवान बस की ड्राइविंग सीट पर सवार हो गया.
कुछ ही पलों में इस नौजवान ने बस को नियंत्रित कर साइड पर लगा दिया. बस रुकने के बाद बस में सवार सभी यात्रियों के जान में जान आई. इस बस में कुल 55 यात्री सवार थे. बाद में, पता चला कि बस का ड्राइवर शराब के नशे में था और इसी नशे की वजह से वह गाड़ी चलते हुए बेहोश हो गया था. हल्द्वानी से दिल्ली आ रही राज्य परिवहन की बस में 55 जिंदगियों को बचाने वाले शख्स का नाम सोनू शर्मा है और वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात हैं.
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गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ के सहायक कमांडेट सोनू शर्मा की बहादुरी को देखते हुए जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया है.
.Tags: CISF, Republic dayFIRST PUBLISHED : January 25, 2024, 19:51 IST
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