टीम इंडिया की वो सबसे बड़ी कमजोरी जिसका फायदा उठाकर टेस्ट सीरीज जीत सकता है इंग्लैंड

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टीम इंडिया की वो सबसे बड़ी कमजोरी जिसका फायदा उठाकर टेस्ट सीरीज जीत सकता है इंग्लैंड



England tour of India: भारत और इंग्लैंड के बीच तीन दिन बाद ही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का रोमांच शुरू होने वाला है. हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में 25 जनवरी से इस हाईप्रोफाइल टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जाएगा. हर बार की तरह भारतीय टीम को ही अपने देश में टेस्ट सीरीज जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. भारत इस टेस्ट सीरीज में अपने घरेलू हालात का पूरा फायदा उठाना चाहेगा, ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट सभी मुकाबलों के लिए टर्निंग पिचें बनवा सकती है. इंग्लैंड के ज्यादातर बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ जूझते रहे हैं ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट भी टर्निंग पिचें बनवाने से कोई परहेज नहीं करेगी.
टीम इंडिया को भारी पड़ सकती है ये कमजोरी भले ही इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ कमजोर खेलते हैं, लेकिन टर्निंग पिचों पर मौजूदा भारतीय टीम के बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी जग जाहिर है. टर्निंग पिच बनवाना आसान है, लेकिन जब बात उस पर बल्लेबाजी की आएगी तो फिर टीम इंडिया को भी झटका मिल सकता है. मौजूदा भारतीय टीम कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर ज्यादा निर्भर करती है. टर्निंग पिचों पर रोहित शर्मा और विराट कोहली रन बटोरने की कला जानते हैं. इसके अलावा रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल भी स्पिनरों के खिलाफ आक्रामकता के साथ निपटना जानते हैं. हालांकि इस टीम में ज्यादातर बल्लेबाज ऐसे भी हैं तो फिरकी के जाल में फंस सकते हैं.
इंग्लैंड कैसे जीत सकता है टेस्ट सीरीज? 
इंग्लैंड के गेंदबाज अगर इस टेस्ट सीरीज में विराट कोहली और रोहित शर्मा के बल्ले को खामोश रखने में कामयाब रहते हैं तो फिर साल 2012 के बाद इतिहास अपने आप को दोहरा सकता है. भारतीय सरजमीं पर इंग्लैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ साल 2012 में खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी. साल 2012 में खेली गई टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बल्ले पर अंकुश लगाए रखा. उस टेस्ट सीरीज में ज्यादातर मौकों पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के फ्लॉप होने से भारतीय टीम को नुकसान झेलना पड़ा था. वहीं, इंग्लैंड की तरफ से तत्कालीन कप्तान एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन रनों की बरसात कर रहे थे. एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन ने उस सीरीज में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बेअसर साबित कर दिया था.
टर्निंग पिच का जख्म झेल चुका है भारत 
इंग्लैंड के गेंदबाज अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली को जल्दी आउट कर लेते हैं तो फिर पूरा दबाव उन बल्लेबाजों पर आ जाएगा जो टर्निंग पिचों पर ज्यादा रन बनाने में नाकाम रहे हैं. अगर भारत टर्निंग पिचों पर खेलता है तो फिर यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, केएस भरत और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ जूझते नजर आ सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल खेली गई बॉर्डर गावस्कर सीरीज में इसका ट्रेलर देखने को मिला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल इंदौर की टर्निंग पिच पर भारतीय टीम को महज तीन दिनों के अंदर हार का मुंह देखना पड़ा था. हालांकि भारत ने सीरीज 2-1 से जीती थी. इसके अलावा जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे बल्लेबाज अगर भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में आक्रामक अंदाज में रन बनाने में कामयाब रहे तो इंग्लैंड के लिए साल 2012 के बाद भारत में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का मौका हो सकता है.  
पहले दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम
रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मुकेश कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आवेश खान.



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