Challenges Faced By Patients With Rare Cancers: भारत में कैंसर मौत का बड़ा कारण बनता जा रहा है, आमतौर पर लोगों को लंग, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, स्टोमेक, लिवर, ब्रेस्ट, सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर का खतरा रहता है, लेकिन कुछ मरीज रेयर कैंसर से पीड़ित होते हैं. फोर्टिस अस्पताल नोएडा में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट और क्लीनिकल लीड डॉ. अनीता मलिक (Dr.Anita Malik) ने बताया कि दुलर्भ कैंसर के रोगियों को जिंदगी में कौन-कौन सी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है.
रेयर कैंसर से पीड़ित मरीजों की जरूरतें
1. साफ जानकारीदुर्लभ कैंसर रोगियों को अपनी बीमारी के बारे में साफ जानकारी की होती है, जिसमें इलाज के विकल्पों के साथ ही उनकी लिमिटेशंस का भी खुलासा किया जाना चाहिए. उन्हें यह समझने और नियोजित करने में भी मदद चाहिए कि उनकी देखभाल कैसे की जाए
2. एक्सपर्ट तक पहुंचविशेषज्ञ तक पहुंच: उन्हें क्लीनिकल एक्सपर्ट तक बेहतर पहुंच की जरूरत होती है, जिसमें सफर और फैमिली सपोर्ट के साथ-साथ साइकोलॉजिकल केयर के लिए रेफर किया जाना भी शामिल है. सेकेंड ओपीनियन और स्पेशियलाइज्ड सेंटर तक पहुंचना भी जरूरी है.
3. स्टडीज और डेटाएक स्टडी के मुताबिक, सभी कैंसर से होने वाली मौतों में से एक चौथाई रेयर कैंसर के कारण होती हैं (इसमें एडल्ट सॉलिड ट्यूमर 13%, रेयर ब्लड कैंसर 8% और चाइल्डहुड कैंसर 1% शामिल हैं). जेनेटिक टेस्ट से नए मोलेकुलर सबटाइप्स की पहचान होती है और दुर्लभ कैंसर के लिए नए टारगेट्स और इम्यूनोथेरेपी की संभावना खोलते है. इससे मोलेकुलर मार्कर्स द्वारा कैंसर को परिभाषित करने के साथ दुर्लभ ट्यूमर की संख्या और बढ़ जाती है.
रेयर कैंसर से पीड़ित मरीजों की चुनौतियां
दुर्लभ कैंसर के मामले में मरीज और डॉक्टर खास चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, जो इसकी प्रकृति और उपचार के अप्रत्याशित प्रभाव के कारण होते है. रेयर कैंसर की स्टडी करना मुश्किल है क्योंकि रिसर्च के लिए कम मामले मौजूद होते हैं या रिसर्च के लिए टिश्यूज की कमी होती है. दुर्लभ कैंसर के परीक्षण या अनुसंधान के लिए कोई एनिमल या सेल मॉडल भी नहीं हो सकते हैं.
भले ही नए तरह के ट्रीटमेंट लगातार विकसित किए जा रहे हैं, लेकिन रेयर कैंसर के लिए नए उपचार ढूंढना चुनौतीपूर्ण है. इसमें देरी से या गलत डाइनोसिस हो सकता है और दुर्लभ कैंसर स्पेशियलिस्ट को ढूंढना मुश्किल हो सकता है. रोगियों को सही इलाज के लिए अपने घर से बहुत दूर जाना पड़ सकता है. ऐसे कैंसर के मामलों में, सामान्य चिकित्सक ये नहीं जानते होंगे कि किसे रेफर करें या रोगियों को प्रूवेन/स्टैंडरडाइज ट्रीटमेंट डाइट और बीमारी के परिणामों के बारे में क्या बताएं.
डॉक्टर्स को भी इन कैंसर्स के बारे में बेहतर नॉलेज की जरूरत होती है, कैंसर विशेषज्ञों के लिए क्लीनिकल नेटवर्क की आवश्यकता होती है और इन रोगियों की जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए, इस पर अधिक रिसर्च की आवश्यकता होती है. कैंसर में बहु-विषयक पेशेवर शिक्षा और रोगी की सहायता सेवाएं रोगियों के जीवन की गुणवत्ता और अन्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.