भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के वैज्ञानिकों ने कैंसर के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने पाया है कि बुढ़ापे में शरीर के कमजोर हिस्सों में कैंसर सेल्स तेजी से फैलती हैं. इस शोध के मुताबिक ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुरानी और कमजोर हो चुके सेल्स (सीनेसेंट सेल्स) एक ऐसा कैमिकल निकालता है, जो कैंसर सेल्स को आकर्षित करता है. इस शोध को ‘सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर लाइफ साइंसेज’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने ओवरी कैंसर के सेल्स पर शोध किया है. उन्होंने पाया कि ये कैंसर सेल्स सीनेसेंट सेल्स की ओर तेजी से खींची चली जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सीनेसेंट सेल्स एक खास तरह का कैमिकल (एक्सट्रासेल्यूलर मैट्रिक्स) निकालते हैं, जो कैंसर सेल्स को अपनी ओर खींच लेता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ‘सीनेसेंट सेल्स पर कैंसर सेल्स ज्यादा तेजी से फैलती हैं और आसानी से दूसरे हिस्सों में पहुंच जाती हैं.अध्ययन के निष्कर्ष से क्या पता चलता है?अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि कैंसर के उपचार और रोकथाम के लिए नए तरीके विकसित किए जा सकते हैं. उदाहरण के लिए, वैज्ञानिक ऐसे उपचार विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो बुढ़े टिशू में कैंसर सेल्स के प्रसार को रोकते हैं.
यह अध्ययन कैंसर के इलाज के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?यह अध्ययन कैंसर के इलाज के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कैंसर के फैलने के एक नए तरीके की पहचान करता है. यह जानकारी वैज्ञानिकों को कैंसर के उपचार के लिए नए और अधिक प्रभावी तरीके विकसित करने में मदद कर सकती है.
इस खोज से कैंसर के इलाज और रोकथाम में बड़ी मदद मिल सकती है. अब वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि सीनेसेंट सेल्स द्वारा निकाला जाने वाला कैमिकल किस तरह से बनता है और क्या इसे रोका जा सकता है. अगर ऐसा करना संभव हुआ तो बुढ़ापे में होने वाले कैंसर के खतरे को काफी कम किया जा सकता है.