सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: सहजन यानि मोरिंगा की चर्चा प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी की गई है. सहजन इतना गुणकारी है कि शास्त्रों में कई तरह के रोगों के लिए लाभकारी बताया गया है. सहजन के पेड़ के हर एक भाग में औषधीय गुण है. इसीलिए इसे चमत्कारी पेड़ भी कहते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ विद्या गुप्ता ने बताया कि सहजन का पेड़ और उसकी फली में पोषक तत्वों का भंडार छुपा हुआ है. इतना ही नहीं इसकी जड़ें और छाल कई तरह के गुणों से भरपूर है. सहजन एंटीबायोटिक, एनाल्जेसिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीएजिंग के रूप में काम करता है.
कैल्शियम का अच्छा स्रोत है सहजनडॉ विद्या गुप्ता ने बताया कि सहजन के पेड़ की पत्तियों में हाई कैल्शियम पाया जाता है. सहजन की 100 ग्राम पत्तियों में 444 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. इसके अलावा विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन b1, विटामिन b2, मैंगनीज, आयरन और फाइबर सहित कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.
हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है सहजनसहजन की पत्तियों का काढ़ा बनाकर रोजाना पिया जा सकता है. इससे शारीरिक दुर्बलता, ब्लड प्रेशर की समस्या, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों को मात दी जा सकती है. सहजन का नियमित रूप से सेवन करने से हार्ट अटैक के खतरे को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है.
रोजाना 100 ग्राम से 150 ग्राम ही करें सेवनसहजन की फलियां से सब्जी बनाकर खा सकते हैं. इसके अलावा सहजन की पत्तियां और उसकी छाल का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ध्यान रखें सहजन रोजाना 100 से 150 ग्राम की मात्रा का सेवन करें.
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.Tags: Health, Local18FIRST PUBLISHED : January 17, 2024, 14:29 IST
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