विशाल भटनागर/मेरठ: देशभर में जहां अयोध्या धाम में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, दूसरी ओर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित राजा महेंद्र प्रताप केंद्रीय पुस्तकालय में वर्ष 1919 में लाहौर पाकिस्तान से प्रकाशित हुई उर्दू रामायण के प्रति युवाओं में क्रेज देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन काफी युवा इस रामायण को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.
राजा महेंद्र प्रताप पुस्तकालय के डिप्टी लाइब्रेरियन डॉक्टर जमाल अहमद सिद्दीकी ने बताया कि उर्दू रामायण के प्रति युवाओं में काफी जिज्ञासा है. हालांकि अधिकतर युवा उर्दू भाषा नहीं जानते हैं. ऐसे में उन्हें इस रामायण के बारे में हिंदी में ट्रांसलेट कर बताया जाता है. उन्होंने बताया कि जब से अयोध्या धाम की तैयारी चल रही है, तब से ज्यादा जिज्ञासा युवाओं में बढ़ गई है. आखिर उर्दू रामायण में ऐसा क्या लिखा हुआ होगा? इसी बात को जानने के लिए वह आ रहे हैं.
वर्ष 1919 में लाहौर से हुई थी प्रकाशितउर्दू रामायण की अगर बात की जाए तो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के आधार महात्मा शिवव्रत लाल द्वारा इसको वर्ष 1919 में पाकिस्तान के लाहौर में ट्रांसलेट कर प्रकाशित किया था. उसी की कॉपी विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में उपलब्ध है. डॉ.सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने इस ऐतिहासिक ग्रंथ को फिल्म अभिनेता नसरुद्दीन शाह के परिवार से संबंधित व्यक्ति से विशेष आग्रह करते हुए लिया था. वर्ष 2018 में जब उन्होंने यह ग्रंथ मिला तब से ही वह इसकी विशेष देखभाल कर रहे हैं.
चित्रों से ही समझ सकते हैं रामायणइस रामायण के अगर खासियत की बात की जाए तो भले ही है यह रामायण उर्दू में लिखी हुई हो, लेकिन इसमें रामायण कालीन के विभिन्न ऐसे चित्रों को दर्शाया गया है. इसके माध्यम से युवा आसानी से समझ सकते हैं. बता दें कि अब इसको डिजिटल फॉर्म में भी सबमिट कर दिया गया है. आप विश्वविद्यालय की डिजिटल लाइब्रेरी पर https://ccsuniversity.ac.in/digital-lib/home.html जाकर इसको पढ़ सकते हैं.
.Tags: Meerut news, Ram Mandir, Ram Mandir ayodhya, Ram mandir newsFIRST PUBLISHED : January 16, 2024, 16:49 IST
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