राम मंदिर का हैदराबाद से खास कनेक्शन…फौलाद की तरह होंगे 100 दरवाजे, महाराष्ट्र के जंगलों से चुन-चुन कर आई लकड़ी

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राम मंदिर का हैदराबाद से खास कनेक्शन...फौलाद की तरह होंगे 100 दरवाजे, महाराष्ट्र के जंगलों से चुन-चुन कर आई लकड़ी



हाइलाइट्सअनुराधा टिम्बर्स इंटरनेशनल कंपनी को राम मंदिर के लिए खास दरवाजा तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला हुआ है.करीब 6 महीने के भीतर कंपनी ने लगभग ऑर्डर पूरा कर लिया है.कोकिला मुखर्जी/ नई दिल्लीः जैसे-जैसे अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है, हैदराबाद की एक लकड़ी कंपनी मंदिर के लिए 100 दरवाजे उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम कर रही है. अनुराधा टिम्बर्स इंटरनेशनल के मैनेजिंग पार्टनर चौधरी सरथ बाबू समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए जून के महीने से अयोध्या और हैदराबाद के बीच यात्रा कर रहे हैं. बता दें कि राम मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगा. इसके लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. वहीं मंदिर को भव्य बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के कुशल कारीगर जुटे हुए हैं.

महाराष्ट्र के जंगल से दरवाजों के लिए ढूंढे गए पेड़News18 से बात करते हुए चौधरी सरथ बाबू ने कहा, ‘राम मंदिर के लिए तैयार हो रहे दरवाजे में हम सागौन की लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं जो 3,000 वर्षों तक चलने के लिए जानी जाती है. निस्संदेह, हमें ऐसे ऑर्डर्स के लिए सबसे बेहतरीन लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं. कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद, हमने महाराष्ट्र के बल्हारशाह जंगल से हाई क्वालिटी वाले पेड़ ढूंढे, जिनकी औसत आयु 100 वर्ष है और उनमें कोई वैसी कमी नजर नहीं आई थी.’

सागौन की लकड़ी से तैयार हो रहा है दरवाजाउन्होंने बताया, ‘पेड़ों का चयन करते समय हमने यह सुनिश्चित किया कि कहीं उन पेड़ों की लकड़ियों में कोई दरारें और गांठें नजर तो नहीं आ रही हैं या उनमें किसी तरह की नमी तो नहीं है. इसके बाद इन पेड़ों को फिर से चयन के एक हार्ड प्रोसेस से गुजरना पड़ा और उनसे एकत्र की गई लकड़ी का केवल 20 फीसदी हिस्सा मंदिर के आंतरिक परिसर के लिए उपयोग करने के लिए चुना गया. सागौन की लकड़ी में दीमक के लगने का बहुत ही कम चांस होता है और इसपर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.’

तीन पीढ़ियों से इस व्यवसाय में शामिल है परिवारसरथ का परिवार तीन पीढ़ियों से इस व्यवसाय में है. फर्म को कॉन्ट्रैक्ट कैसे मिला, यह बताते हुए विशेषज्ञ ने कहा कि अयोध्या मंदिर ट्रस्ट ने लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ मिलकर तीन साल पहले कंपनियों से मंदिर का लकड़ी का मॉडल बनाने के लिए कहा था. सरथ और उनकी लकड़ी के कारीगरों की टीम ने सबसे अच्छा काम किया, और इस तरह उन्हें मंदिर के दरवाजे बनाने का मौका मिला. उन्होंने जून में अयोध्या में अपनी वर्कशॉप तैयार की और छह महीने के रिकॉर्ड समय में काम लगभग पूरा कर लिया. उन्होंने कहा, ‘नया मंदिर कैसा दिखेगा इसकी एक झलक दिखाने के लिए लकड़ी का मॉडल दर्शन मार्ग पर रखा गया था.’

सोने से मढ़े गए हैं 18 दरवाजेदरवाजों पर हाथियों, मोरों और विभिन्न देवताओं के चिन्ह हैं. गर्भगृह के दरवाजे पर मोर की नक्काशी है. यह एक फोल्डेबल दरवाजा है, जिसकी ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 12 फीट है. फर्म ने विभिन्न प्रकार के दरवाजे बनाए हैं, जिनमें गुंबद है. मंदिर के अंदर सभी दरवाजे सोने से मढ़े गए हैं, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर 18 दरवाजे शामिल हैं.

दरवाजे नागरी शैली में किए गए हैं डिजाइनसरथ कन्याकुमारी के अनुभवी लकड़ी नक्काशी करने वाले कुमारस्वामी रमेश और टीम के साथ काम कर रहे हैं. वे भारत के कई प्रसिद्ध मंदिरों के हार्ड डिजाइन वाले दरवाजे तैयार कर चुके हैं, जिनमें हैदराबाद के बाहरी इलाके में यदाद्रि मंदिर भी शामिल है. दरवाजे नागरी शैली में सोमपुरा द्वारा डिजाइन किए गए थे, जो मंदिर के प्रमुख वास्तुकार हैं. कुमारस्वामी की टीम ने टी के डिजाइन को हाथ से दोहराया है.
.Tags: Ayodhya, Hyderabad, Ram MandirFIRST PUBLISHED : December 15, 2023, 14:48 IST



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