गर्भवती महिलाओं क्यों हो रही हैं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार! एसएन कॉलेज की रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

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गर्भवती महिलाओं क्यों हो रही हैं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार! एसएन कॉलेज की रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा



हरिकांत शर्मा/आगराः आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज ( SN medical Collage) के मेडिसिन विभाग ने डायबिटीज को लेकर रिसर्च में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अगर आपको डायबिटीज हैं या घर मे कोई महिला गर्भवती है तो यह जानकारी आपके लिए जानना बेहद जरूरी है. एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग ने डायबिटीज के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च शुरू किया है. जिसमें 50 से अधिक गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च किया जा रहा है.

जिसमें से फिलहाल 30 महिलाओं के यूरिन के नमूने लिए गए हैं और इन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया. जांच के बाद एक चौंकाने वाला रिजल्ट सामने आया है. डॉक्टर के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान इन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज(Gestational Diabetes)का शिकार पाया गया . आमतौर पर 4 से 8 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं इस डायबिटीज का शिकार हो रही है.

क्यों होता हैं जेस्टेशनल डायबिटीज?एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. प्रभात अग्रवाल का कहना है कि इन महिलाओं की जांच के जो नमूने लिए गए हैं. उनके रिजल्ट चौंकाने वाले हैं. जिनमें गर्भवती महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज(Gestational Diabetes) पाई गई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पीछे प्लास्टिक बड़ा कारण है. यानी कि रोजाना की जिंदगी में हम प्लास्टिक के बने डिब्बों में खाद सामग्री रखकर इस्तेमाल करते है. या प्लास्टिक की बंद पैकेट या प्लेट्स में खाना खाते हैं जिससे ये डायबिटीज हो रही है. दरअसल प्लास्टिक और पॉलिथीन में बिस्फेनॉल ए( BPA) केमिकल होता है. यह केमिकल प्लास्टिक के जरिए खाने के संपर्क में आकर कई बीमारियों को निमंत्रण देता है. गर्भावस्था में महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता को भी ये केमिकल इफेक्ट करता है. जिससे अन्य रोग महिला को जकड़ लेते हैं. हालांकि डिलीवरी के बाद यह डायबिटीज 90% तक अपने आप कम हो जाती है.

सामान्य प्रसव की संभावना हो जाती हैं खत्मइस तरह की डायबिटीज से बचने के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि आम जीवन में प्लास्टिक के बने प्लेट्स ,डिब्बों और बर्तनों में खाद्य सामग्री बिल्कुल ना रखें .कई बार देखा गया है कि जिस पानी की बोतल में हम पानी पीते हैं उससे भी डायबिटीज हो रही है. इसीलिए हमें सावधानी बरतनी होगी. खासकर गर्भवती महिला गर्म खाना प्लास्टिक के बर्तनों में ना खाये. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि ये डायबिटीज प्रसव के बाद 90 % मामलों मे समाप्त हो जाती है. लेकिन उनसे जन्मे बच्चे को भी खतरा रहता है. जेस्टेशनल डायबिटीज(Gestational Diabetes) वाली महिलाओं का प्रसव सामान्य नहीं होता, अधिकतर सिजेरियन डिलीवरी होती है, तो अगर आप भी ज्यादातर प्लास्टिक के डिब्बो में बंद रखे खाने का इस्तेमाल करते हैं या लंबे समय तक प्लास्टिक की बोतल में पैक पानी पीते हैं ,तो आज ही इससे बचें.
.Tags: Agra news, Health News, Life18, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 16:53 IST



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