सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्याः भगवान राम के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था, जब उन्हें 14 वर्ष का वनवास मिला था. अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक की गाथा का वर्णन आज भी वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में देखने को मिलता है. भगवान राम की नगरी के साथ अब जिन-जिन जगहों पर भगवान राम अपने वनवास काल में गए थे. उस जगह पर अब बदायूं जनपद की रहने वाली वाटर वूमेन के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक जाएगी. भगवान राम की नगरी से रामेश्वरम तक की पदयात्रा का मंगलवार को अयोध्या में शुभारंभ हुआ. इस दरमियान वाटर वूमेन के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक ने अयोध्या के लक्ष्मण किला मंदिर में संतों से आशीर्वाद भी लिया.अयोध्या से प्रारंभ हुई यात्रा उन उन जगहों पर जाएगी जिन जगहों पर भगवान राम अयोध्या से होते हुए रामेश्वरम तक पहुंचे थे. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्राचीन नदियों के आसपास वन और हरियाली संरक्षित किए जाने का उद्देश्य है. इस दरमियान अयोध्या से लगभग 4000 किलोमीटर की लंबी पद यात्रा वाटर वूमेन के नाम से चर्चित महिला शिप्रा पाठक ने शुरू किया. आपको बता दें यह पहला मौका नहीं है जब शिप्रा पाठक किसी पद यात्रा पर निकली हों पहले वे मां नर्मदा, सरयू, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों की पदयात्रा कर चुकी है. यही कारण है कि उन्हें लोग वॉटर वुमन के नाम से जानते है.वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने रामनगरी से शुरू की पदयात्राअयोध्या से रामेश्वरम तक की पदयात्रा शुरू करने वाली शिप्रा पाठक ने बताया कि पदयात्रा अयोध्या से रामेश्वरम तक चलेगी. जिसमें प्रमुख रूप से दो केंद्र बिंदु है. एक राम वन गमन मार्ग पर जानकी वाटिका बनाया जाए और दूसरा जल संरक्षण के लिए नदियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए. शिप्रा पाठक ने बताया कि नारी शक्ति में संस्कृत का विकास करना प्रमुख उद्देश्य है. वाटर वूमेन के नाम से चर्चित शिप्रा पाठक ने कहा कि लगभग 4000 किलोमीटर लंबी यात्रा है जो 5 से 6 राज्यों को पर करते हुए रामेश्वरम तक जाएगी. इसमें लगभग आधे भारत की यात्रा पैदल की जाएगी..FIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 22:23 IST
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