अयोध्या: देश भर के खिलाड़ी दिखाएंगे रामनगरी में जलवा, पहली बार हो रहा तीरंदाजी का आयोजन

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अयोध्या: देश भर के खिलाड़ी दिखाएंगे रामनगरी में जलवा, पहली बार हो रहा तीरंदाजी का आयोजन



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्याः अयोध्या न सिर्फ मंदिर और मूर्तियों की वजह से पूरे विश्व में पहचान बना रही है, बल्कि यहां पर होने वाली हर गतिविधियों पर लोगों की नजर रहती है. धनुष और बाण का नाम आते ही मन में जो तस्वीर चलती है. वह भगवान श्री राम की होती है प्रभु राम को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर माना जाता है. इतना ही नहीं युगों- युगों से चली आ रही धनुष और बाण के आध्यात्मिक पराक्रम का एक नया अध्याय प्रभु राम की नगरी अयोध्या में भी लिखा जा रहा है.

भगवान राम की नगरी अयोध्या में इन दिनों तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. ये 25 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान देश के कई बड़े तीरंदाज अयोध्या में अपने निशानेबाजी का उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे. अयोध्या में होने वाले इस प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कई तीरंदाजी के खिलाड़ी संगठन और संस्थाएं शामिल होंगी. इतना ही नहीं तीरंदाजी प्रतियोगिता में विजेताओं को उत्कृष्ट पुरस्कार भी दिया जाएगा.

प्रतियोगिता जीआईसी ग्राउंड में हो रहीअयोध्या में होने वाली पांच दिवसीय नेशनल सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता जीआईसी ग्राउंड में हो रही है जो 29 नवंबर तक चलेगी. जिसमें देश के सभी राज्यों से 1200 खिलाड़ी प्रतिभा कर रहे हैं. इन दोनों देश भर की तीरंदाजी के धुरंधर रामनगरी में मौजूद है. तीरंदाजी प्रतियोगिता का शुभारंभ करनेनकेंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बीते दिनों अयोध्या पहुंचे. जहां उन्होंने वैदिक मत्रों के साथ भूमि पूजन किया और तीरंदाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया.

पीएम खिलाड़ियों को दे रहे प्राथमिकताकेंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल और खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्हें उसे शहीद कर रहे हैं. शायद यही वजह है कि लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में बहुत अच्छी उपलब्धि हमारे खिलाड़ी प्राप्त कर रहे हैं. देश का नाम रोशन कर रहे हैं. तीरंदाजी एक ऐसा खेल है. जिसके माध्यम से हम पौराणिक संस्कृत से जुड़ते हैं. जो युद्ध अभ्यास हमारे पूर्वजों ने किया है. उसे अभ्यास को हम स्मरण भी करते हैं. यह खेल रोमांच पूर्ण होता है. खेलनअपने संस्कृत को अपने सु संस्कृत जीवन का जो पृष्ठभूमि है. उसकी मजबूती भी देता है. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रभु राम की नगरी में पहली बार तीरंदाजी प्रतियोगिता हो रही है. भगवान राम भी धुरंधर थे आज उन्हीं की भूमि पर तीरंदाजी का प्रतियोगिता कर एक नया अध्याय लिखा जा रहा है.
.Tags: Local18FIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 12:21 IST



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