Professor without PhD: यूजीसी ने प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पदों पर नियुक्ति के लिए पहल तेज कर दी है. गौरतलब है कि आयोग ने कुछ समय पहले प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्तियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे. जिनमें विभिन्न फील्ड के अनुभवी प्रोफेशनल्स को संबंधित विषय का प्रोफेसर बनाए जाने की अनुमति दी गई थी. इसके लिए यूजीसी ने मई माह में पोर्टल भी जारी किया था. जिसमें यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने के इच्छुक प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन करा सकते थे.
अब एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूजीसी ने यूपी के राज्यीय विश्वविद्यलयों को प्रोत्साहित किया है कि वे अपने यहां इन प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्तियां करें. साथ ही इसे लेकर मौजूदा अपडेट की भी जानकारी मांगी है. रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक इस योजना के तहत 323 संस्थानों में 10062 प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
4 साल तक हो सकती है नियुक्तिबता दें कि यूजीसी के नियमों के अनुसार प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्ति अधिकतम 4 साल के लिए ही की जा सकती है. इसके लिए यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को नियमों में जरूरी बदलाव के निर्देश दिए थे. गौरतलब है कि प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस वह लोग बन सकते हैं, जो प्रोफेशनल रूप से टीचर नहीं हैं और न ही उनके पास नेट या पीएचडी क्वालिफिकेशन है, लेकिन वह किसी एक फील्ड में व्यापक अनुभव रखते हों. विश्वविद्यालय उनके अनुभव के आघार पर उन्हें प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के रूप में रख सकते हैं.
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.Tags: Education, Job and careerFIRST PUBLISHED : November 25, 2023, 12:40 IST
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