कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती:कहते हैं प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती और अगर आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो कोई भी बाधा आपके रास्ते की रुकावट नहीं बन सकती. यह सिद्ध कर दिखाया है बस्ती जनपद के एक सफाईकर्मी सूरज चक्रवर्ती ने. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद सूरज ने मजदूरी कर अपनी पढ़ाई जारी रखी और पीसीएम से उन्होंने ग्रेजुएशन किया और एमएससी करने के लिए आवेदन किया तभी 2008 में सफाई कर्मी की नौकरी निकली. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सूरज ने सफाईकर्मी की नौकरी ज्वॉइन कर ली और उनको पहली पोस्टिंग कप्तानगंज ब्लॉक के परिवारपुर में मिली. जहां उन्होंने छः वर्षो तक कार्य किया. उसके बाद दिसम्बर 2013 में उनकी पोस्टिंग बहादुरपुर ब्लॉक के ग्राम भेड़िया में हुआ.
साल 2013 में जब सूरज का ट्रांसफर हुआ तब तक स्वच्छ भारत मिशन का फेज टू शुरू हो चुका था और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से प्रेरणा ले अपने ग्राम पंचायत को स्वच्छ रखने और वेस्ट प्लास्टिक का बेहतर उपयोग करने के लिए उससे कलाकृतियां बनानी शुरू कर दी. वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल कर उन्होंने अभी तक महात्मा गांधी की प्रतिमा, कूड़ो से घिरा मानव श्रृंखला, बेंच, पशु पक्षियों के पानी पीने के लिए पॉन्ड, लोगों के बैठने के लिए बेंच, राष्ट्रीय ध्वज का चबूतरा, भारत माता की तस्वीर, प्लास्टिक की ईट आदि का निर्माण वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल कर बनाया. साथ ही साथ उन्होंने कूड़े को बेचकर अभी तक 8 हजार रूपए तक ग्राम पंचायत के विकास निधि में जमा भी करवा चुके हैं. जिसका इस्तेमाल ग्राम पंचायत के विकास के लिए किया गया है. साथ ही उन्होंने उससे मिलने वाले पैसों से गरीबों की मदद भी की है.
धरती को प्लास्टिक मुक्त किया जाए
सफाईकर्मी सूरज चक्रवर्ती ने बताया कि मेरा उद्देश्य है की पर्यावरण प्रदूषण से लोगों की रक्षा की जाए और इसमें सबसे अहम है धरती को प्लास्टिक मुक्त किया जाए. उसी क्रम में मेरे द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है और ब्रांड एम्बेसडर बनने के मामले में सूरज ने बताया की मुझे इसकी जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से हुई थी लेकिन अभी तक मुझे कोई आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 13:20 IST
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