ODI World Cup 2023: भारत ने सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 70 रनों से हरा दिया और वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में पहुंच गया. रोहित शर्मा की टीम को अब दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे सेमीफाइनल के विजेता का इंतजार है. भारत ने 50 ओवर में चार विकेट पर 397 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और फिर न्यूजीलैंड को 48.5 ओवर में 327 रन पर आउट कर दिया. न्यूजीलैंड पर जीत के साथ टूर्नामेंट के इस संस्करण में भारत अजेय रहा है.
भारत अब 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल्स खेलने के लिए तैयार है. वर्ल्ड कप फाइनल में भारत अब चौथी बार पहुंच गया है. इससे पहले भारत ने 3 बार फाइनल में अपनी जगह बनाई है, जिसमें से 2 बार उन्होंने ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया है.एक नजर डालते हैं भारत के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल्स के सफर पर:
1. वेस्टइंडीज के खिलाफ 1983 में, लॉर्ड्स:
1983 में भारत ने पहली बार कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप फाइनल खेला. परिस्थितियां उनके खिलाफ थीं, भारतीय टीम ने लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में ट्रॉफी उठाने के लिए उन्हें चुनौती दी. पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर भारत 54.4 ओवर में 183 रन पर आउट हो गया. क्रिस श्रीकांत और मोहिंदर अमरनाथ ने शीर्ष पर क्रमशः 38 और 26 रन बनाए. जब भारत छह विकेट पर 111 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था, तब मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविंदर संधू ने अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. इसके बाद भारत ने वेस्टइंडीज को 52 ओवर में 140 रन पर आउट कर दिया. अमरनाथ और मदन लाल ने तीन-तीन विकेट लिए. विव रिचर्ड्स को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज रन नहीं बना पाया. रिचर्ड्स ने 28 गेंदों में 33 रन बनाए.
#OnThisDay in 1983, India won the @cricketworldcup!
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— ICC Cricket World Cup (@cricketworldcup) June 25, 2018
2. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 में, जोहानिसबर्ग:
2003 विश्व कप फाइनल में जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में जब दोनों टीमें भिड़ीं तो ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों से हराया. रिकी पोंटिंग ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का पूरी तरह मजाक उड़ाया और ऑस्ट्रेलियाई टीम को तीसरी बार खिताब दिलाया. पोंटिंग ने 121 गेंदों पर चार चौकों और आठ छक्कों की मदद से नाबाद 140 रन बनाए. उन्हें डेमियन मार्टिन के रूप में पार्टनर मिला, जिन्होंने 84 गेंदों पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से 88 रन बनाए. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 234 रन की अविजित साझेदारी की. इससे पहले मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट ने 14 ओवर में 105 रन की साझेदारी करके मंच तैयार किया. गिलक्रिस्ट ने 48 गेंदों पर आठ चौकों और एक छक्के की मदद से 57 रन बनाए. ‘मेन इन ब्लू’ के लिए हरभजन सिंह को दो विकेट मिले. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 39.2 ओवर में 234 रन पर आउट कर दिया. वीरेंद्र सहवाग ने अकेले खेलते हुए 81 गेंदों पर 10 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 82 रन बनाए. राहुल द्रविड़ ने भी 47 रन बनाए, लेकिन उनकी कोशिश बेकार चली गई.
#ThisDayThatYear – In 2011, “Dhoni finishes off in style. India lift the World Cup after 28 years” – in @RaviShastriOfc’s immortal voice pic.twitter.com/Q61sLx10VA
— BCCI (@BCCI) April 2, 2017
3. श्रीलंका के खिलाफ 2011 में, मुंबई:
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराया. पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका ने छह विकेट के नुकसान पर 274 रन का अच्छा स्कोर खड़ा किया. महेला जयवर्धने ने 88 गेंदों पर 13 चौकों की मदद से 103 रन बनाए. दिलशान और कुमार संगकारा ने क्रमश: 33 और 48 रन की पारी खेली. थिसारा परेरा ने नाबाद 22 रन की पारी खेली. जहीर खान और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लिए. भारत ने वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के विकेट जल्दी खो दिए, लेकिन विराट कोहली और गौतम गंभीर की 83 रनों की साझेदारी ने उन्हें मुकाबले में वापस ला दिया. थिसारा परेरा द्वारा क्लीन बोल्ड होने से पहले गंभीर ने 122 गेंदों पर 97 रन बनाए. बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने 79 गेंदों में 8 चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 91 रन बनाए, और भारत को फिनिश लाइन पर ले गए.
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