अभिषेक माथुर/हापुड़. दीपावली का त्योहार खत्म होने के बाद तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. यहां पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार मेला स्थल का जायजा लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. दिन-रात मजदूरभी मेले की व्यवस्था के लिए अपने काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं. 17 नवंबर से मेले का शुभारंभ हो रहा है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मेले में करीब 30 से 40 लाख श्रद्धालु यहां स्नान के लिए आएंगे.आपको बता दें कि गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले इस कार्तिक मेले को मिनी कुंभ भी कहा जाता है. 17 नवंबर से इस मेले की शुरूआत हो रही है. यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे. 29 नवंबर तक यहां मेले का आयोजन किया जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालु तम्बू तानकर तीर्थनगरी में लगने वाले मेला स्थल पर ही करीब 15 दिन तक प्रवास करते हैं. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. हापुड़ जिले की जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा और एसपी अभिषेक वर्मा लगातार मेला स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं. डीएम मेला स्थल पर पहुंचकर लगातार तैयारियों को जांच-परख रही हैं.हाईवे पर रूट डायवर्जन को लेकर हुई चर्चाडीएम प्रेरणा शर्मा ने बताया कि मेले की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं. इस बार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का पूरा फोकस जाम की समस्या को लेकर है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह जाम की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है. हापुड़ जिले के डीएम और एसपी ने अमरोहा के डीएम और एसपी के साथ बैठक की और हाईवे पर रूट डायवर्जन को लेकर चर्चा की.क्या है तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर की मान्यता?कार्तिक माह में तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले मेले की मान्यता महाभारत काल के समय की है. यहां महाभारत काल के समय युधिष्ठिर ने भगवान शिव की पूजा की थी. युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर गढ़मुक्तेश्वर में आकर शिव की पूजा करने के बाद गंगा स्नान किया और फिर महाभारत के युद्ध में मारे गए लोगों का पिंड दान किया. इसके बाद से हर साल कार्तिक के महीने में यहां गंगा किनारे मेले का आयोजन होता है..FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 17:47 IST
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