रजत भटृ/गोरखपुर: दिवाली पर जगमग रोशनी के साथ रात में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना हर घर में की जाती है. ऐसा सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसका प्रचलन है. वहीं गोरखपुर में दिवाली के दिन बंगाली समिति मां काली की पूजा अर्चना करेंगे. वह पुरानी परंपराओं का निर्वहन करेंगे. गोरखपुर के कालीबाड़ी में दिवाली पर परंपराओं के अनुसार विधि-विधान से आराधना होगी. मां काली की पूजा अर्चना की जाएगी.
शेषपुर स्थित कालीबाड़ी में अमावस की रात वह दीपावली की मध्य रात में विधि विधान से मां काली की पूजा होगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश में दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन बंगाल में इस दिन मां काली की पूजा अर्चना होती है. गोरखपुर में बंगाली समिति इस परंपरा का निर्वहन करता है और दिवाली की मध्य रात्रि मां काली की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन यह लोग व्रत भी रखते हैं.
ये है यहां की परंपरावहीं बंगाली समिति के सचिव अभिषेक चटर्जी बताते हैं कि कालीबाड़ी में दक्षिण काली की मूर्ति है और इनका दाया पैर आगे है. इसलिए यहां दीपावली के दिन बलि नहीं होती, जबकि बंगाल में बलि का प्रचलन है. लेकिन वहां भी श्मशान काली की मूर्ति के सामने बलि दी जाती है. उनका बाया पैर आगे होता है. वही गोरखपुर कालीबाड़ी में सात्विक ढंग से पूजा अर्चना कर मां को भोग लगेगा. वह हाथ में पुष्प लेकर श्रद्धालु खड़े रहेंगे.रात 10 बजे शुरू होगी पूजाबंगाली समिति के सचिव अभिषेक चटर्जी बताते हैं कि, हर जगह पर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना जल्द करके लोग दीपक जलाने लगते हैं. लेकिन इस बार कालीबाड़ी में मां काली की पूजा अर्चना रात 10 बजे शुरू होगी और रात लगभग 2 बजे तक खत्म होगी. पूजा खत्म होने के बाद श्रद्धालु मां को फूल चढ़ाते हैं. इस दौरान पुरोहित मंत्र उपचार करते रहते हैं. यह एक पुरानी परंपरा है जिसका आज भी निर्वाह किया जा रहा है. यहां हर साल दिवाली पर मां काली की पूजा की जाती है. वह इसी परंपरा के अनुसार पूजा पाठ विधवत तौर तरीके से होता है.
.Tags: Diwali, Gorakhpur news, Local18, Religion 18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 12:24 IST
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