सनंदन उपाध्याय/बलिया:जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा है यारो…यह पंक्तियां बलिया के इन पांच अनाथ बच्चों पर सटीक बैठती है. इन पांच मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया तो अब पुलिस ने मासूमों के पालन पोषण का जिम्मा उठाया है.बलिया पुलिस इन अनाथ बच्चों के ऊपर खाकी का चादर ही नहीं ओढ़ाया बल्कि मां-बाप के फर्ज को बखूबी निभाया है.पूरा मामला जिले के गड़वार थाना क्षेत्र अंतर्गत सिकरिया खुर्द की है. जानकारी के मुताबिक इन बच्चों के अनाथ होने के पीछे एक प्रेम प्रसंग की कहानी जुड़ी है. वर्तमान स्थिति को केवल अनुभव कर हर किसी का दिल छलनी हो जा रहा है. आपने तो सुना ही होगा की प्यार अंधा होता है. लेकिन यह भी आपने सुना है क्या? की प्यार के चक्कर में एक मां अपने बच्चों को भी भूल जाती है. घर पूरी तरह से उजड़ गया.मां ने ही पिता की हत्या करवा दीसिकरिया खुर्द गांव निवासी मृतक बबलू के पुत्र गोलू पासवान 15 वर्षीय ने अपनी दास्तान सुनाई. उसने बताया कि हम लोगों को रात में सोने में डर लग रहा है. मेरी मां ने ही पिता को इस दुनिया से उठवा दिया. आज घर में न मां है न पिता है. बलिया पुलिस प्रतिदिन आ रही है और हम लोगों का पालन पोषण कर रही है.पांच छोटे-छोटे बच्चों में एक बच्चा 15 वर्ष तो सबसे छोटा बच्चा 3 वर्ष का है. बच्चों के रात की नींद उड़ गई है.इतने छोटे-छोटे बच्चों के सिर से जब बाप का साया उठ गया तो उनकी स्थिति कितनी दु:खद हो गई . झुग्गी झोपड़ी में निवास कर रहे हैं.अनाथ बच्चों की कहानीपत्नी ने ही अपने प्रेमी से मिलकर अपने पति को इस दुनिया से विदा करा दिया. गोलू ने बताया कि अचानक माता-पिता दोनों लोगों से बिछड़ने के बाद हम लोगों का पूरा दिन रोते हुए गुजर रहा है. जहां तक बात खाने-पीने की है तो बलिया पुलिस पूरी तरह से मदद कर रही है. लेकिन कुछ खाने को मन भी नहीं कर रहा है. मेरे चार भाई हैं जिसमें से गौतम 12 वर्ष, गुंजा 8 वर्ष, गजेंद्र 06 वर्ष और सबसे छोटा भाई राजेंद्र 3 वर्ष का है. इन सभी भाइयों का मैं पालन पोषण कर रहा हूं. मुझे खुद रात में डर लगता है. हम सभी लोग एक साथ सोते हैं. बहुत ज्यादा जब समस्या होती है तो घर के आसपास के लोग बुलाकर अपने घर में सुला लेते हैं. इन अनाथ बच्चों का देखरेख डायरेक्ट बलिया के कप्तान एस आनंद कर रहे हैं..FIRST PUBLISHED : November 5, 2023, 10:42 IST
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