विशाल भटनागर/मेरठ: हस्तिनापुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की संयुक्त राष्ट्र एनवायरनमेंट प्रोग्राम द्वारा भी मंथन किया जाएगा. जिसको लेकर ऑनलाइन माध्यम से सभी सदस्यों की एक मीटिंग का आयोजन 24 अक्टूबर 2022 को होने जा रहा है. हस्तिनापुर के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ प्रियंक भारती ने बताया कि इस ऑनलाइन मीटिंग में बूढ़ी गंगा को किस प्रकार पुनर्जीवित किया जाए. उसको लेकर मंथन और चिंतन किया जाएगा.
नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रो. प्रियंक भारती ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की यह संस्था नेचुरल हेरिटेज चीजों को लेकर कार्य करती है. इसी कड़ी में बूढ़ी गंगा को लेकर भी इस मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है. जिससे कि हस्तिनापुर की विरासत बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवित करते हुए हेरिटेज के रूप में खोई हुई विरासत को वापस लाया जाए. जो कहीं ना कहीं कुछ ही किलोमीटर तक अब सीमित रह गई है. उन्होंने बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व वह इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन का नेचर आईयूसीएन संस्था के सदस्य बने हैं. ऐसे में उस मीटिंग में भी इन्होंने बूढ़ी गंगा को लेकर मुद्दा उठाया था. जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की एक सदस्य द्वारा इस प्रस्ताव को लेकर इस मीटिंग को आयोजन किया गया.
विशेष महत्व रखती है बूढ़ी गंगा
वर्तमान समय में भले ही बूढ़ी गंगा कुछ ही क्षेत्रफल तक सीमित रह गई हो. लेकिन पौराणिक महत्व में हस्तिनापुर में एक प्रमुख स्थान रखती थी. विभिन्न ऐतिहासिक पौराणिक किताबों में वर्णन है. बूढ़ी गंगा द्रोपदी घाट, कर्ण घाट, पांडेश्वर मंदिर से होते हुए अन्य स्थान तक जाया करती थी. लेकिन हजारों वर्ष पूर्व आई बाढ़ के बाद धीरे-धीरे अपने मुख्य धारा से यह अलग होती गई.
निर्मल हो चुका है जलबताते चलें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दिशा निर्देश अनुसार काफी हद तक बूढ़ी गंगा पर कार्य किया जा चुका है. जिसमें बूढ़ी गंगा का जल अब निर्मल होकर पहले तरह बह रहा है. लेकिन अभी काफी ऐसा क्षेत्रफल है जिस पर यह कार्य होना है.
.Tags: Local18, Meerut city news, Up hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 03:02 IST
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