वसीम अहमद/अलीगढ़. इस्लाम धर्म में मदरसे की पढ़ाई को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि इस्लाम धर्म को जानने के लिए मदरसे की पढ़ाई को पढ़ना बेहद जरूरी होता है. देशभर में हजारों की संख्या में मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिसमें लाखों की तादाद में मुस्लिम बच्चे मदरसे की तालीम हासिल कर रहे हैं. लेकिन क्या इन मदरसों में सिर्फ मुस्लिम बच्चे ही पढ़ सकते हैं, क्या इन मदरसों मे गैर मुस्लिम बच्चे नहीं पढ़ सकते ? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि मदरसों मे गैर मुस्लिम बच्चे पढ़ सकते हैं या नहीं?
मदरसे में पढ़ने के लिए किसी का मुस्लिम होना जरूरी नहीं है. मुस्लिम के अलावा अगर हिंदू, सिख, इसाई कोई भी धर्म का बच्चा मदरसे की तालीम हासिल करना चाहे तो मदरसा तालीम हासिल कर सकता है. दरअसल, मान्यता प्राप्त मदरसों में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा एन.सी.ई.आरटी ( NCERT) की किताबें भी उपलब्ध कराई गई है.
इन विषयों की होगी पढ़ाईमदरसों में अब अरबी और उर्दू के अलावा अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, हिंदी और अन्य विषयों को भी पढ़ाया जाएगा, जिससे कि दूसरे धर्म के बच्चे भी मदरसे में प्रवेश ले सकें. सरकार द्वारा अगर इस योजना को पूर्ण रूप से अमली जामा पहनाया जाए तो फिर मुस्लिम छात्रों के बजाय हिंदू, सिख, इसाई, समेत समाज के हर समुदाय के बच्चे भी मदरसों में पढ़ने के लिए दाखिला ले सकेंगे.
मदरसा शिक्षा के प्रति गलतफहमीमदरसा संचालक मसूद आलम नूरी ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जाता है कि मदरसे में जो गैर मुस्लिम बच्चे हैं, उनका दाखिला नहीं दिया जाता. जबकि ऐसा नहीं है. अगर कोई गैर मुस्लिम हिंदू, सिख, ईसाई बच्चा अगर मदरसे की तालीम हासिल करना चाहता है तो वह मदरसे में एडमिशन ले सकता है.
हिंदू बच्चे में लेते हैं यहां तालीमबहुत से ऐसे सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसे मौजूद हैं, जहां हिंदू भाइयों के बच्चे मदरसे की तालीम हासिल करते हैं. मदरसों में अरबी, उर्दू के अलावा हिंदी, इंग्लिश और साइंस की पढ़ाई भी पढ़ाई जाती है. इसलिए अगर कोई हिंदू बच्चा मदरसे में पढ़ाना चाहे तो बिल्कुल पढ़ सकता है.
.Tags: Aligarh news, Local18, Madarsa, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2023, 18:35 IST
Source link