हाइलाइट्सतंबाकू उत्पादों में भारतीय लोगों का सबसे पसंदीदा प्रोडक्ट खैनी है. भारत में 11 फीसदी आबादी खैनी खाती है जबकि 8 फीसदी लोग बीड़ी पीते हैं. Chaini Khaini Tobacco: भारत में एक बड़ी आबादी तंबाकू का धड़ल्ले से सेवन करती है. इनमें खैनी और बीड़ी लोगों के पसंदीदा तंबाकू प्रोडक्ट हैं. आपने देखा भी होगा कि खैनी की लत किस हद तक लोगों की जुबान पर चढ़ी हुई है कि मुंह में खैनी रखने के बाद लोग खाना-पीना भी टाल देते हैं. हाल ही में आई आईसीएमआर और एम्स दिल्ली की एक रिसर्च के आंकड़े काफी दिलचस्प हैं जो बताते हैं कि देश में करीब 14 करोड़ लोग नियमित रूप से खैनी तंबाकू खाते हैं जबकि करीब 10 करोड़ लोग बीड़ी में तंबाकू पी जाते हैं.
हालांकि इस रिसर्च में इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि देश के हर वर्ग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई एक सरकारी योजना का सबसे ज्यादा लाभ इन खैनी खाने और बीड़ी पीने वाले लोगों ने उठाया है.
आईसीएमआर और एम्स दिल्ली की रिपोर्ट बताती है कि देश में करीब 28 फीसदी लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 11 फीसदी लोग खैनी खाते हैं और 8 फीसदी लोग बीड़ी पीते हैं. तंबाकू का सेवन करने वालों में पुरुषों की संख्या 42.4, महिलाओं की 14.2 फीसदी से ज्यादा है, इस वजह से सरकारी योजना का लाभ लेने वालों में भी पुरुष ही अव्वल हैं.
इस सरकारी योजना का उठाया लाभ आईसीएमआर की रिसर्च बताती है कि केंद्र सरकार की लोगों को फ्री इलाज देने वाली आयुष्मान भारत स्कीम देशभर में गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत लाभदायक रही है लेकिन दुर्भाग्य की बात ये भी है कि इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ खैनी खाने या बीड़ी पीने वालों ने लिया है. आयुष्मान भारत स्कीम के तहत लाभ लेने वालों में 70 फीसदी वे लोग हैं जो तंबाकू का सेवन करते हैं. इन लोगों ने सबसे ज्यादा इलाज तंबाकू की वजह से होने वाले ओरल कैंसर का कराया है.
देश में हर रोज होती हैं दो हजार मौतें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोडायग्नोसिस एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह माल्ही कहते हैं कि रिसर्च के मुताबिक भारत में हर रोज 2000 लोग तंबाकू की लत से होने वाली बीमारियों के चलते जान गंवाते हैं. वहीं यह आंकड़ा सालाना 13 लाख है, जो कि टीबी, मलेरिया या एचआईवी एड्स से होने वाली मौतों से भी ज्यादा है. इसके बावजूद लोग तंबाकू खाने से गुरेज नहीं करते.
सरकार कर रही मोटा खर्च डॉ. माल्ही कहते हैं कि तंबाकू का इस्तेमाल भारत में बंद होना चाहिए. आईसीएमआर की स्टडी बताती है कि जितना सरकार तंबाकू से रेवेन्यू कमाती है उससे ज्यादा हेल्थकेयर पर खर्च करना पड़ रहा है. तंबाकू खाने से होने वाली बीमारियों के इलाज में सरकार का 270 बिलियन रुपये खर्च हो रहा है जबकि तंबाकू उत्पादों से होने वाली कमाई इसका सिर्फ 25.9 फीसदी हिस्सा ही है.
.Tags: Health, Lifestyle, Trending, Trending newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2023, 13:23 IST
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