मंगला तिवारी/मिर्जापुर: देशभर में विजयादशमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर देशभर में लोग ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के प्रतीक रूप में ‘रावण दहन’ करते हैं. रावण के पुतले के साथ अपनी बुराइयों को जलाते हैं और उससे होने वाले प्रकाश के रूप में अपने जीवन में अच्छाई को उतारते हैं. देश के विभिन्न जगहों पर आज धूमधाम से रावण के पुतले का दहन किया गया. लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में दहन न होकर रावण के अस्थियों को जनता द्वारा लूट लिया गया.
बता दें, भारत में जाति और धर्म के नाम पर कई अचंभित करने वाले रीति-रिवाजों का चलन है. सदियों से कई प्राचीन मान्यता और प्रथा लोग मानते आ रहे हैं. धार्मिक परंपराओं में ऐसे अजीबो-गरीब रीति-रिवाज और मान्यताओं का भी समावेश है, जिन पर विश्वास करने का अपनी वजह है. आज हम आपको मिर्जापुर में रावण से जुड़ी ऐसी मान्यता बता रहे हैं जो आपको हैरान कर देगी. विंध्यवासिनी धाम से चंद कदमों की दूरी पर बंगाली चौराहे पर काफी दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग रावण वध देखने आते हैं. लेकिन यहां ऐसा नहीं किया जाता है. यहां रावण की अस्थियों को जनता लूट कर घर ले जाती है.
नकारात्मक बाधाएं होती हैं दूर
राष्ट्रीय विंध्य पर्यावरण सुरक्षा व धर्मोत्थान समिति के तत्वाधान में प्रत्येक वर्ष रावण दहन का कार्यक्रम कराया जाता है. समिति के अध्यक्ष शिवराम मिश्रा ने बताया कि यह सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा है, जिसे आज भी निभाया जा रहा है. आसपास के लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. यहां रावण की अस्थियों को जनता लूट कर घर ले जाती है. मान्यता है कि रावण के अस्थियों के घर में रखने पर सुख समृद्धि आती है. साथ ही रावण के अस्थियों को घर में रखने से किसी भी प्रकार की बाधा घर में प्रवेश नहीं करती.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 16:08 IST
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