सृजित अवस्थी/ पीलीभीत. उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में बीते दिनों में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों ने जमकर पैर पसारे हैं. इसी बीच अब लोगों में पेट से जुड़ी तमाम समस्याएं देखने को मिल रही हैं. मेडिकल कॉलेज में आए मरीजों की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. डॉक्टर इसके पीछे की वजह इलाज में लापरवाही और दवाओं के असर को मान रहे हैं.
बीते तकरीबन एक महीने से पीलीभीत जिला मुख्यालय स्थित पीलीभीत मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में आने वाले मरीजों का आंकड़ा लगातार 1500 के पार जा रहा है. इनमें अधिकांश मरीज बुखार से पीड़ित हैं. वहीं अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखे तो जिले में हुई जांचों के आधार पर अब तक 425 मामले मलेरिया और 131 डेंगू के मरीज सामने आए हैं.
लिवर और किडनी पर असरबुखार की समस्या से जूझ रहे रोगियों के उपचार के दौरान डॉक्टर अन्य आवश्यक जांचें भी करा रहे हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया है कि बड़ी संख्या में बुखार से पीड़ित रोगियों के लिवर और किडनी पर असर हो रहा है. डॉक्टर इसके लिए इलाज में लापरवाही और बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लिए जाने को इसका मुख्य कारण मान रहे हैं.
मच्छर जनित बीमारियों का खतरा अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर संजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि वर्तमान में मौसमी बीमारियों के साथ ही साथ मच्छर जनित बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. ऐसे मामलों में समय पर जांच के साथ समुचित इलाज काफी ज़रूरी है. इसलिए लोगों को किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए. कई दवाएं अधिक मात्रा में शरीर में जाने से उसके प्रतिकूल असर देखने को मिलते हैं. डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई लेने से लोगों को बचना चाहिए.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 21:29 IST
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