अभिषेक माथुर/हापुड़. वर्तमान में परंपरागत खेती कर रहे किसानों का रूझान अब दूसरी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में लेमनग्रास की खेती किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. मात्र 50 हजार रुपये की बुआई की लागत में इस फसल के किसान को प्रत्येक वर्ष 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से हो सकता है.
हापुड़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार का कहना है कि खेती-किसानी करने वाले किसानों के लिए लैमनग्रास की खेती एक अच्छी खेती है. इसकी खास बात यह है कि लैमनग्रास के पौधे बड़ी आसानी से बड़े होते हैं. करीब एक हैक्टेयर में एक बार में 12 से 13 टन तक लेमनग्रास निकल जाती है. जबकि साल भर में करीब 60 से 65 टन लेमनग्रास की पैदावार हो सकती है. उन्होंने बताया कि एक टन घास से करीब 5 लीटर तेल निकलता है, जिसकी मार्केट में 12 सौ से लेकर 15 सौ रुपये तक की प्रति लीटर में बिक्री होती है.
खेती से होगा 4-5 लाख रुपये का मुनाफा
डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार ने बताया कि एक हैक्टेयर में लेमनग्रास की बुआई करने पर शुरूआत में करीब 50 हजार रुपये की लागत आती है. इसके बाद हर बार लेमनग्रास की बुआई नहीं करनी होती है. छोटे पौधे ही आसानी से बड़े होते हैं और निराई-गुढ़ाई में करीब 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है और फसल फिर से पूरी तरह तैयार हो जाती है. वर्ष भर में किसान इस फसल से करीब 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमा सकता है.
ये हैं लेमनग्रास के लाभ
डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार ने बताया कि लेमनग्रास का ज्यादा इस्तेमाल कॉस्मेटिक में किया जाता है. इसका ऑयल भी खूब प्रयोग होता है. साबुन और अन्य डिटर्जेंट में लेमनग्रास का इस्तेमाल होता है और दवा बनाने के लिए भी लेमनग्रास को खरीदा जाता है.
आसानी से मिले मार्केट तो राह बने आसान
लेमनग्रास की खेती करने वाले किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा होता है, यह तो निश्चित है ही, लेकिन सबसे बड़ी समस्या इन किसानों के सामने लेमनग्रास ऑयल को सेल करने की आती है. 1200 रूपये से लेकर 1500 रूपये तक प्रति लीटर में बिकने वाले इस लेमनग्रास ऑयल को बेचने के लिए किसानों को बड़े पापड़ बेलने पड़ते हैं.
वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान डॉ. वीरेन्द्रपाल गंगवार ने बताया कि ऑयल को खरीदने के लिए मार्केट में डिमांड कम है. यही वजह है कि किसानों को इसकी सेल करने के लिए काफी परेशानियां आती हैं. अगर आसानी से लेमनग्रास ऑयल खरीदने के लिए कंपनियां मिलें, तो किसानों की राहें आसान हो सकती हैं.
.Tags: Hapur News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : October 3, 2023, 22:41 IST
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