अंजू प्रजापति/रामपुर. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चंदन की लकड़ी की अत्याधिक डिमांड है. भारत में ऐसे बहुत से किसान हैं, जो चंदन की खेती से लाखों नहीं बल्कि करोड़ों कमा रहे हैं. इसी तरह रामपुर के किसान ने नवाचार करते हुए सफेद चंदन की खेती कर कमाल कर दिया है. साथ ही अब वह दूसरे किसानों को भी चंदन की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. किसान का कहना है कि यह खेती लंबे समय में तैयार होती है. लेकिन, यह जितना इंतजार करवाती है, उससे ज्यादा मुनाफा देती है.
शहजादनगर थाना क्षेत्र के गांव ककरौवा निवासी राकेश कुमार बताते हैं कि मौजूदा वक्त में चंदन की खेती के साथ-साथ वह अपना जन सेवा केंद्र भी चलाते हैं. बताया कि धान, गेहूं की खेती में लागत ज्यादा और आय कम है, इसलिए उन्होंने अपनी आय बढ़ाने के लिए चंदन कि खेती करने का मन बना लिया, जिसके बाद वह चंदन की खेती की पूरी जानकारी एकत्र करने और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बैंगलोर चले गए, जहां इंडियन बूड साइंस टेक्नोलॉजी से पूरी जानकारी ली और चंदन का बीज लेकर आए. रमेश ने अपनी एक एकड़ जमीन में चंदन के 500 पौधे लगाए हैं.
सरकार ने रखी है ये शर्तेंराकेश कुमार बताते हैं कि चंदन के पेड़ तैयार होने के बाद उन्हें सिर्फ सरकार ही खरीदेगी और खुद ही एक्सपोर्ट करेगी. सफेद चंदन की खेती करने के लिए किसान को वन विभाग को लिखित रूप में देना पड़ता है. वन विभाग से किसान को परमिशन मिल जाती है. बताया कि सफेद चंदन की खेती पर पहले पाबंदी थी, लेकिन 2017 में यूपी सरकार ने पाबंदी हटा दी है.
चंदन की खेती में लागत कम, मुनाफा ज्यादाकिसान ने बताया कि एक एकड़ में चंदन के 500 पौधे लगाए जाते हैं, जिसमें लगभग 80,000 रुपये की लागत आती है. लेकिन, मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है. एक एकड़ जमीन से जब पेड़ तैयार होता है तो चार से पांच करोड़ का मुनाफा किसान कमा सकता है. चंदन का पेड़ 10-12 साल में तैयार होता है. एक पेड़ से लगभग चालीस से पचास किलो हार्ड बूड प्राप्त होती है.
दो प्रकार का होता है चंदनलाल चंदन की खेती दक्षिण भारत के राज्यों में होती है, जबकि सफेद चंदन उत्तर प्रदेश में हो सकता है. इसके लिए मिट्टी का पीएच मान साढे़ सात पर्याप्त है. इसके लिए डालवों जमीन, जल सोखने वाली उपजाऊ चिकली मिट्टी तथा 500 से लेकर 625 मिमी तक वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है.
चंदन के साथ लगाएं होस्ट पौधाचंदन के पौधे के साथ होस्ट का पौधा लगाना जरूरी होता है, क्योंकि चंदन का पौधा होस्ट के बिना फल-फूल नहीं सकता. होस्ट के पौधे से चंदन की जड़ों को मजबूती मिलती है, तभी चंदन का विकास तेजी से होता है.
.Tags: Agriculture, Local18, Money18, Rampur newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 16:26 IST
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