टीचर्स की विदाई पर बिलख-बिलख कर रोने लगे छात्र, गांव वाले भी नहीं रोक पाए आंसू

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टीचर्स की विदाई पर बिलख-बिलख कर रोने लगे छात्र, गांव वाले भी नहीं रोक पाए आंसू



वसीम अहमद /अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ऐसा गांव है जहां सरकारी स्कूल के शिक्षक और शिक्षका का तबादला होने पर पूरा गांव रोने लगा. जी हां आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह सत्य है. दरअसल, पूरा मामला अलीगढ़ के तहसील अतरौली के विकासखंड बिजौली के गांव शफीपुर मैं एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक व शिक्षका का तबादला होने से गांव के लोग काफी आहत हुए हैं. गांव के लोगों ने स्कूल का दरवाजा बंद कर शिक्षक और शिक्षकों को अंदर बंद कर लिया.

गांव के लोगों का कहना है कि वह शिक्षक और शिक्षाका को यहां से जाने नहीं देंगे क्योंकि शिक्षक गांव के बच्चों को बहुत अच्छी तरीके से शिक्षा देते हैं. गांव के सभी बच्चे इन टीचरों से पढ़ने मे काफी प्रभावित हैं. जब से यह दोनों टीचर गांव में जाकर बच्चों को पढ़ना शुरू किया है तब से उनके बच्चों को काफी अच्छी शिक्षा मिल रही है. इतना ही नहीं 5 वर्ष पहले स्कूल में मात्र 18 बच्चे थे लेकिन अब इन दोनों शिक्षकों के द्वारा गांव के सभी बच्चों को स्कूल में लाने का काम किया गया है और अब स्कूल के अंदर 84 बच्चों से अधिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जब से इन शिक्षकों के तबादले की सूचना गांव में फैली है तब से बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है.

‘शिक्षक-शिक्षका का तबादला होने से गांव के लोग आहत’स्थानीय निवासी अमर कुमार सिंह बताते हैं कि हमारे स्कूल के मासब बहुत अच्छा बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चों को घर-घर से खुद यहां स्कूल में लाकर पढ़ते हैं पहले से ही इस स्कूल में स्टाफ की कमी है तो हम सभी ग्रामीण चाहते हैं की मासाब यही रहे और यहीं रहकर बच्चों को पढ़ाएं क्योंकि यहां के शिक्षक बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. हमने सुना है कि इनका ट्रांसफर दूसरी जगह कर दिया गया है. अगर मनसब यहां से चले जाते हैं तो हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और ना ही यहां कोई पढ़ाई होगी. हमको इन्हीं शिक्षक और शिक्षिका के अलावा दूसरा कोई टीचर नहीं चाहिए.

नहीं चाहिए कोई दूसरा टीचरस्कूल में पढ़ने वाले छात्र विशाल बताते हैं कि आज हमारे सर यहां से निकलकर दूसरे गांव राजगांव में जा रहे हैं. इसलिए हम स्कूल के बाहर खड़े हैं. हमारे लिए यही सर चाहिए. कोई दूसरे सर नहीं चाहिए नहीं तो हम आज के बाद इस स्कूल में नहीं पढ़ेंगे.

बच्चे स्कूल से बाहर जाने नहीं दे रहेप्राथमिक विद्यालय के तबादला हुए शिक्षक सुनील कुमार बताते हैं कि यहां हम दो टीचर्स हैं और हमारे यहां 84 बच्चों का नामांकन है अभी तक, जो हमारा प्राथमिक विद्यालय था उसकी बिल्डिंग नहीं थी हम जूनियर के एक कमरे में बैठकर बच्चों को पढ़ा रहे थे. मैं जब यहां आया था तो यहां 18 बच्चे थे लेकिन आज 84 बच्चे हैं. हमें तकरीबन 5 वर्ष इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाते हुए हो चुके हैं. अब बीएसए सर का एक लेटर आया है जिसमें लिखा है कि हम दोनों कोराजगांव प्राथमिक विद्यालय में पर्यवेक्षक के लिए और शिक्षण कार्य करने का सुनिश्चित करें तो अब हमको राजगांव जाना पड़ेगा. लेकिन आज सुबह से ही ग्रामीणों ने और बच्चों ने हमें स्कूल में अंदर से बाहर जाने नहीं दे रहे हैं. कह रहे हैं कि आप नहीं जाओगे, जिसे हमने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है.
.Tags: Aligarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 18, 2023, 21:22 IST



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